पटना। दिल्ली की नई सीएम आतिशी ने कार्यभार संभालते हुए सीएम ऑफिस में एक खाली कुर्सी अरविंद केजरीवाल के लिए छोड़ दी और खुद दूसरी कुर्सी पर बैठी। जिसको लेकर भाजपा हमलावर है तो वहीं राजद ने इसे अनुकरणीय कदम बताया है।
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राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी समझदार हैं और उनके अंदर कई भावनाएं निहित है। राजकाज चलाने वाला व्यक्ति अगर अनुकरण करता है और अच्छी चीजों को मानक मानते हुए उसे सदैव अपने बगल में रखता है तो उससे उसे शक्ति मिलती है। अरविंद केजरीवाल लंबे समय तक लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे और आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं। स्वाभाविक तौर पर जो अनुकरणीय काम उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए किया होगा वो आतिशी के लिए अनुकरणीय होगा।
उन्होंने आगे कहा कि, अगर उन्होंने अपने बगल में एक कुर्सी को खाली रखा है तो इसमें गलत क्या है। उन्होंने प्रेरणा के लिए कुर्सी लगाई है। मेरा मानना है जो अच्छा काम करे उसे अनुकरणीय मानना चाहिए। आज भी लोग कई पूर्व प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल को मानक मानते हैं। अगर उनके अंदर 'भरत' भाव है तो यह सुंदर संकेत है और सात्विक भी है। मेरा मानना है कि अगर राजकाज चलाने के लिए सात्विक भाव आ जाए तो राजनीति में एक नई निखार आती है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र को लेकर उन्होंने कहा कि, पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिये जाने की मांग अभी तक क्यों नहीं पूरी हुई है। सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के सामने हाथ जोड़कर और गिड़गिड़ाकर केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिये जाने की मांग की थी लेकिन, नहीं मिला। सीएम नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी की भाग्यरेखा भी देख रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार की सुन कौन रहा है। भाजपा के दोनों डिप्टी सीएम समीक्षा बैठक में नजर तक नहीं आते हैं। यह सरकार हर मोर्चे पर फेल है।
--आईएएनएस
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