मुंगेर। जिले में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिससे न सिर्फ लोग बल्कि उनके पशुधन भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कई गांवों में पानी भरने से लोग गांव छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। पशुओं के लिए न तो सुरक्षित स्थान मिल रहा है और न ही चारे की पर्याप्त व्यवस्था हो पा रही है।
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गांवों में पानी घुस जाने के कारण हरा चारा डूब चुका है, और सूखा चारा देने से पशुओं की सेहत बिगड़ रही है। पशुपालक इस स्थिति से बेहद चिंतित हैं, क्योंकि बीते चार से पांच दिनों से स्थिति विकट हो गई है, लेकिन किसी तरह की सरकारी मदद नहीं पहुंची है।
मुंगेर जिला पशु चिकित्सालय के प्रभारी सत्यनारायण यादव ने बताया कि विभाग पशुओं के इलाज के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि अभी जिले में बाढ़ घोषित नहीं हुई है, लेकिन जैसे ही बाढ़ घोषित होती है, पशुओं के चारे के लिए ऑर्डर दिया जाएगा। साथ ही, अस्पताल में 34 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध हैं, जिससे पशुओं की बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा। आवश्यकता पड़ने पर गांवों में कैंप लगाकर चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।
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