मधुबनी। अयोध्या और मिथिलांचल का एक अटूट रिश्ता सदियों से रहा है, क्योंकि मिथिलांचल को भगवान राम की ससुराल माना जाता है। अब इसे संयोग ही कहेंगे कि दोनों स्थानों का कनेक्शन नौ नवंबर को अयोध्या विवाद पर आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के दौरान भी बना रहा। मिथिला के बेटे अनुज झा ने अयोध्या के कलेक्टर के रूप में वहां शांति-व्यवस्था कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फैसले को लेकर देश-दुनिया की नजर अयोध्या पर थी, और बिहार के मिथिलांचल के लोग भी टेलीविजन के माध्यम से अयोध्या में घट रही हर घटना पर नजर बनाए हुए थे, और शांति की प्रार्थना कर रहे थे। मिथिलांचल के मधुबनी जिले के झंझारपुर के एक गांव में रामजन्म भूमि के फैसले के बाद शांति को लेकर प्रार्थना की जा रही थी। फैसले के बाद अयोध्या में शािंत और सुचारु व्यवस्था के लिए सबसे अधिक श्रेय अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को दिया जा रहा है।
बिहार के मधुबनी जिले के सिमरा पंचायत के मझौरा गांव के निवासी अनुज झा जहां अयोध्या में विधि-व्यवस्था दुरुस्त करने में लगे थे, वहीं उनके गांव में लोग शांति और भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए प्रार्थना कर रहे थे। अनुज झा के भाई धीरज झा आईएएनएस को बताते हैं, "उस दिन सुबह 10 बजते ही पूरा गांव या तो टेलीविजन के सामने था या फिर देवताओं की चौखट पर था। लोग सभी ईश्वर से मनौती (मन्नतें) मांग रहे थे।"
वह बताते हैं, "पैतृक आवास पर पिता बद्री झा और माता इंदु देवी भी पूजा घर में पूजा करते रहे। अयोध्या में शांति की खबर मिलने और राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने की खबर के बाद ही वे दोपहर के बाद पूजा घर से निकले। उन दोनों के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे।"
धीरज कहते हैं, "किसे खुशी नहीं होगी। पूरा देश, शासन, प्रशासन किसी अंजान भय से सशंकित था और कहीं कुछ हुआ नहीं।"
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