जमुई। बिहार के चकाई प्रखंड में पेटार पहाड़ी पंचायत का जलखरिया गांव आज भी विकास की चमक से अछूता है। यहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है, खासकर पुल और पक्की सड़क की अनुपलब्धता के कारण ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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हाल ही में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जिसमें जलखरिया गांव के निवासी अनिल दास की स्थिति गंभीर हो गई। रविवार की सुबह, किसी विषैले जीव ने उन्हें काट लिया, जिसके बाद उनकी हालत खराब हो गई। लेकिन, गांव में सड़क और पुल की अनुपलब्धता के कारण, अनिल को अस्पताल पहुंचाना एक मुश्किल कार्य बन गया।
गांव में सड़क की अनुपलब्धता और नदी पर पुल न होने के कारण, ग्रामीणों ने अनिल को खाट पर लिटाकर 3 किलोमीटर की कठिन यात्रा की। ग्रामीणों ने पैदल चलकर अनिल को मुख्य सड़क पर मौजूद वाहन तक पहुंचाया। इसके बाद उन्हें देवघर अस्पताल ले जाया गया।
जलखरिया गांव में अब तक पुल और पक्की सड़क की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। बरसात के मौसम में, जब नदी में पानी बढ़ जाता है, गांव तक कोई भी गाड़ी नहीं पहुंच पाती। यही कारण है कि मरीजों को खाट पर लिटाकर या कष्टदायक यात्राएं कर अस्पताल पहुंचाया जाता है।
अनिल की यात्रा अंततः दुखद साबित हुई। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि इलाज के दौरान रात में उनकी मौत हो गई। यह घटना इस बात की गहरी ओर इशारा करती है कि बुनियादी सुविधाओं की कमी गांव के लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल रही है।
जलखरिया जैसे गांवों में बुनियादी ढांचे की त्वरित और प्रभावी सुधार की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके और ग्रामीणों की जिंदगी को सुरक्षित और आसान बनाया जा सके।
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