गया। वैश्य समाज ने खुद की राजनीतिक उपेक्षा किए जाने के विरोध में बोधगया में चिंतन बैठक की। बैठक में जिले भर के वैश्य जाति और उनकी उप जातियों के नेता एकजुट हुए। नेताओं ने कहा कि जिसकी जितनी भागीदारी के तहत वैश्य समाज की राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा हकमारी की जा रही है।
वैश्य समाज का सिर्फ इस्तेमाल किया जा रहा है। राजनीतिक भागीदारी दिए जाने के समय पर वे समाज से दूरी बना लेते हैं। लेकिन अब यह नहीं चलेगा। समाज खुद की ताकत को जान गया है। आने वाले समय में सम्मान जनक भागीदारी विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से नहीं दी गई तो समाज सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वैश्य समाज के जिलाध्यक्ष संजय साव उर्फ संजू साव ने कहा कि बैठक का उद्देश्य समाज की राजनीतिक भागीदारी की हो रही हकमारी के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द करना है। उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर वैश्य समाज देश की तरक्की में बढ़ चढ़ लर भाग लेता है लेकिन जब रणनीतिक हिस्सेदारी की बात आती है प्रदेश में वैश्य समाज को दरकिनार कर दिया जाता है। वैश्य समाज को उसकी आबादी के अनुसार उसे राजनीतिक हिस्सेदारी मिलनी ही चाहिए।
उन्होंने कहा कि लेकोसभा चुनाव से इस बैठक का कोई लेना देना नहीं है। बैठक का चिंतन आगामी विधान सभा चुनाव है। यदि हमारे समाज के बेटे को राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं मिली तो वैश्य समाज सभी राजनीतिक पार्टियों को अच्छी सबक सिखाएगा। उन्होंने कहा समाज एक मांग पत्र सभी राजनीतिक पार्टियों को शीघ्र ही सौंपेगी। ताकि समय रहते पार्टियां समाज हित में वाजिब निर्णय ले सके।
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