गया। माफिया किंग बिन्दी यादव और उनके बेटे रॉकी का खौफ इतना था कि गया रोड रेज मामले में चर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड के चश्मदीद
गवाह रहे उसके दो दोस्त गवाही और घटना की जानकारी से मुकर गए थे। इतना ही नहीं उन्होंने
अदालत में उपस्थित रॉकी यादव सहित अन्य अभियुक्तों को पहचाने से इंकार कर
दिया था। यहां तक कि उन्होंने कहा कि पुलिस दबिश में उन्होंने बयान पर साइन
किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार मिश्र की अदालत
में आदित्य सचदेवा हत्याकांड का ट्रायल चल रहा है। अभियोजन की ओर से दो
गवाह मो. कैफ और अंकित कुमार की गवाही हुई. लेकिन दोनों गवाह पहले दिए गए
अपने बयान से मुकर गए। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी और बयान पर हस्ताक्षर
पुलिस दबिश में किया था।
गवाहों ने
न्यायालय को बताया कि मारूति स्विप्ट कार से वे लोग बोधगया में बन रहे होटल
गए थे. वापसी के क्रम में जेल रोड से आ रहे थे. तभी एक गाड़ी आकर रूकी. हम
लोग जिस गाड़ी पर सवार थे, उसे नासिर चला रहा था. गोली दूसरे गाड़ी से
पीछे से चली, जिसे आदित्य जख्मी हो गया था।
उसकी मृत्यु मेडिकल
कालेज में इलाज के क्रम में हो गई. गोली किसने चलाई उसे नहीं देखा. अभियोजन
की ओर से लोक अभियोजक एसडीएन सिंह ने गवाहों को होस्टाईल घोषित कर दिया.
जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्य नारायण सिंह, कैसर सरफुद्दीन व अनिल
कुमार ने गवाहों का जिरह किया.
गवाही के समय अभियुक्त रॉकी यादव,
पिता बिन्दी यादव, टेनी यादव, निलंबित विधान पार्षद मनोरमा देवी और उनका
बॉडीगार्ड न्यायालय के कठघरे में उपस्थित थे. वहीं, सुनवाई के दौरान
उपस्थित लोग दोस्तों के गवाही से मुकरने पर हतप्रभ थे. चार में दो दोस्त
नासीर और आयुष पहले ही गवाही से मुकर गए थे।
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