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इस स्कूल में चलता है 'चिल्ड्रेन बैंक', बच्चों को पठन सामग्रियों के लिए मिलता है ऋण

Bihar school students manage bank to imbibe saving habit - Gaya News in Hindi

गया (बिहार) । ऐसे तो आपने बैंक कई देखे और उसके बारे में सुने होंगे, लेकिन बिहार में एक ऐसा भी बैंक है जो न केवल स्कूल में चलता है बल्कि उसका संचालन भी स्कूल के बच्चे ही करते हैं। यह बैंक उन बच्चों को ऋण भी उपलब्ध कराता है, जिसके पास तत्काल पेन्सिल, पुस्तक, कॉपी खरीदने के पैसे नहीं रहते।

बिहार के गया जिले के बांके बाजर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र के एक स्कूल में प्रधानाध्यापक ने इस बैंक की पहल की जिससे अब बच्चे भी खूब लाभान्वित हो रहे हैं और अभिभावक भी खुश हैं।

बांके बाजार प्रखंड मुख्यालय से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित नवाडीह मध्य विद्यालय में बच्चों के लिए बैंक खोला गया है। इस बैंक में सिर्फ बच्चों के ही खाते खोले जाते हैं और छात्रों के पठन-पाठन में उपयोग आने वाली वस्तुओं के लिए ऋण दिया जाता है। इस बैंक के न केवल छात्र ग्राहक हैं, बल्कि इस बैंक के प्रबंधक और खजांची भी स्कूल के छात्र ही हैं।

स्कूल के ही भवन में चलने वाले 'चिल्ड्रेन बैंक ऑफ नावाडीह' के नाम से संचालित बैंक में कॉपी, पेन, पेंसिल, रबड़ और पुस्तक के लिए गरीब छात्रों को ऋण दिया जाता है।

स्कूल के प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार आईएएनएस को बताते हैं कि एक से आठ वर्ग वाले इस स्कूल में 420 बच्चे हैं। फिलहाल 70 बच्चों का खाता इस बैंक में खुल गया है। इस साल अगस्त से प्रारंभ इस बैंक की पहल के संबंध में पूछने पर उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थित इस स्कूल में अधिकांश बच्चे आर्थिक तौर पर कमजोर हैं। ऐसे में कई बच्चों के सामने कुछ खरीदने में परेशानी आती थी। पैसा रहने के बाद उन्हें दूर बाजार जाना पड़ता था।

उन्होंने कहा कि इस बैंक के खोलने का मकसद बच्चों को बचत करने की आदत डालना भी है।

आईएएनएस को प्रधानाध्यापक ने बताया कि अभिभावकों से मिले जेब खर्च के पैसे को बच्चे इधर-उधर के कामों में खर्च करने के बजाय चिल्ड्रेन बैंक में जमा कर देते हैं। इसके बाद वह अपनी जरूरतों के हिसाब से पैसे की निकासी कर अपना सामान खरीदते हैं। उन्होंने बताया कि चिल्ड्रेन बैंक से बच्चों को 1 हजार रुपये तक का ऋण दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि बच्चे मध्यानंतर (टिफिन) के वक्त बैंक का संचालन करते हैं। बैंक में बैंकिंग प्रणाली की तरह बाजाब्ता जमा पर्ची और निकासी पर्ची का इस्तेमाल होता है, जिसका पैसा जमा करने और निकासी के समय भरना अनिवार्य है।

स्कूल के बच्चों को पढ़ाई के लिए सामान खरीदने दूर नहीं जाना पड़ता है बल्कि स्कूल भवन में ही छात्रों द्वारा शिक्षा सामाग्री के लिए लगाए स्टॉल से उन्हें नो प्रोफिट नो लॉस की तर्ज पर सामान मिल जाता है।

बैंक के प्रधानाध्यापक कुमार बताते हैं कि जो बच्चे आठवीं पास कर स्कूल से जाएंगें वे यहां का खाता बंद भी करवा सकेंगे। स्कूल के बच्चे भी इस बैंक के संचालन से खुश हैं। बच्चों का कहना है कि उन्हें समय पर पढ़ाई में उपयोग में आने वाली सामग्रियां मिल जाती है। इसके लिए भागदौड़ भी नहीं करनी पड़ती।

बांके बाजार के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी देव दयाल रेखा भी स्कूल के इस पहल की सराहना करते हैं। उन्होंने बताया कि इससे छात्रों में जहां बचत की आदत आएगी बल्कि अनुशासन के साथ-साथ जिम्मेदारी और सामाजिक कौशलता का भी विकास हो सकेगा।

--आईएएनएस

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Web Title-Bihar school students manage bank to imbibe saving habit
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