दरभंगा के स्थानीय पत्रकार संजीव कुमार बताते हैं, इस चुनाव में मिथिला
संस्कृति के केंद्र माने जाने वाले दरभंगा से स्थानीय मुद्दे गौण हैं।
बाढ़, बेरोजगारी, यातायात व्यवस्था और पलायन इस क्षेत्र की मुख्य समस्या
है, परंतु न स्थानीय प्रत्याशी इस मुद्दे को लेकर मतदाताओं के बीच जा रहे
हैं और न ही उनके स्टार प्रचारक ही मंच से इन मुद्दों को उठा रहे हैं।
यहां
चुनावी मुद्दे राष्ट्रीय स्तर के बने हुए हैं। दरभंगा निवासी और झारखंड के
विनोबा भावे विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर विमलेश्वर झा कहते
हैं, 26़ 94 लाख मतदाताओं वाले इस संसदीय क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं में
वोट बंटवारा तय है। सिद्दिकी सहित यहां से तीन मुस्लिम मतदाता चुनाव मैदान
में हैं।
दरभंगा में सामाजिक समीकरणों के आधार पर गोलबंदी होती रही है।
ऐसे में ब्राह्मण, अतिपिछड़ा वर्ग और यादव मतदाताओं की गोलबंदी चुनाव
परिणाम को तय करेंगे। दरभंगा में चौथे चरण में यानी 29 अप्रैल को मतदान
होना है। मतों की गिनती 23 मई को होगी।
(IANS)
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