प. चंपारण। बेतिया नगर निगम की करोड़ों रुपए की लागत से खरीदे गए स्टेनलेस स्टील और लोहे के डस्टबिन अब खुद ही कूड़ा बन गए हैं। डस्टबिन की खरीदारी के महज 20 महीनों के भीतर, अधिकांश डस्टबिन शहर से गायब हो गए हैं। कई चौक-चौराहों से इन डस्टबिनों को हटा लिया गया है, और यह संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि इन्हें बाजार में बेचा जा सकता है।
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बेतिया में कई चौक-चौराहों से डस्टबिन गायब हो गए हैं। नगर निगम ने इन डस्टबिनों को लगाने में करोड़ों रुपए खर्च किए थे, लेकिन अब आधे से अधिक डस्टबिन दो साल के अंदर गायब हो गए हैं।
नगर निगम के कचरा ले जाने वाले वाहनों पर स्टेनलेस स्टील के डस्टबिनों को लादा गया देखा गया है। यह आशंका जताई जा रही है कि डस्टबिनों को कचरे के साथ उठाकर उन्हें बेचा जा सकता है।
मामले के उजागर होने के बाद नगर निगम ने जांच शुरू कर दी है। एक टीम का गठन किया गया है जो गायब हुए डस्टबिनों की खोज और कार्रवाई की तैयारी में जुटी है।
करोड़ों रुपए की लागत से की गई खरीदारी के बाद ऐसी बदइंतजामी क्यों हुई? बिना किसी आदेश के डस्टबिनों को कैसे हटाया गया? इन सवालों के जवाब अभी तक सामने नहीं आए हैं।
नगर निगम प्रशासन ने अब मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। यह देखा जाएगा कि क्या वास्तविक दोषियों को पकड़ा जा सकता है और भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।
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