गुवाहाटी । असम की एक अदालत ने 30
वर्षीय एक युवक को 13 साल की लड़की का अपहरण करने और उससे जबरन शादी करने
के आरोप में 25 साल कैद की सजा सुनाई है।
असम के हैलाकांडी जिले की एक विशेष अदालत ने शनिवार को यह फैसला सुनाया था।
आरोपी बिजॉय बिन हैलाकांडी जिले के धोलासीत गांव का निवासी है। पुलिस के
मुताबिक, उसके खिलाफ पिछले साल 18 जनवरी को मामला दर्ज किया गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पीड़िता
के परिवार के मुताबिक, 16 जनवरी 2022 को उनकी बेटी पास के एक गांव में
धार्मिक कार्यक्रम देखने निकली थी, लेकिन घर नहीं लौटी। परिवार के सदस्यों
के अनुसार, दो दिन बाद लड़की बिजॉय बिन के घर में मिली और उस व्यक्ति ने
दावा किया कि उसने नाबालिग से शादी की है।
परिजनों की शिकायत के बाद
पुलिस ने बिजॉय बिन को हिरासत में ले लिया। नाबालिग को भी पुलिस ने उसके
घर से छुड़ाया। बिन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 366 के तहत
नाबालिग का अपहरण करने और उसे शादी के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया
था। इसके अलावा आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत के तहत मामला दर्ज किया
गया था।
सरकारी वकील मोनिका देब के मुताबिक, बिन को पांच महीने और
13 दिनों तक हिरासत में रखने के बाद जमानत दे दी गई थी। अदालत ने परिवार की
अपील के बाद मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक में करने का फैसला किया। वकील
देब ने कहा, विशेष अदालत ने सभी सुनवाई पूरी की और एक साल चार महीने में
अपना फैसला सुनाया।
वकील के अनुसार, बिजॉय को विशेष न्यायाधीश संजय
हजारिका ने पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।
इसके अलावा आरोपी को आईपीसी की धारा 366 के तहत और 5 साल की जेल की सजा
सुनाई गई थी।
दोनों ही मामलों में आरोपी को 10,000 रुपये का भुगतान
करना होगा, और यदि जुर्माना नहीं भरते हैं तो उन्हें अतिरिक्त वर्ष जेल में
रहना होगा।
देब ने कहा कि जांच अधिकारी सहित पांच गवाहों ने सुनवाई के दौरान गवाही दी और एक विशेष टीम ने लड़की की जांच की।
उन्होंने
आगे कहा कि पीड़िता की मेडिकल जांच से विशेष टीम को पता चला कि आरोप
वास्तविक थे। उसने कबूल किया कि बिन ने उसका अपहरण किया और उससे शादी करने
के लिए मजबूर किया।
असम सरकार ने हाल के दिनों में बाल विवाह के
खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाल विवाह
अपराधियों के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति की घोषणा की है।
इस साल फरवरी में असम में बाल विवाह के आरोप में 3,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
--आईएएनएस
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