गुवाहाटी। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने
मंगलवार को असम विधानसभा सचिव द्वारा कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया को नेता
प्रतिपक्ष के रूप में मिली मान्यता वापस लेने की अधिसूचना पर अंतरिम रोक
लगा दी।
न्यायमूर्ति अचिंया मल्ला बुजोर बरुआ ने सैकिया की ओर से दायर याचिका पर
सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष, मुख्य सचिव, सचिव और प्रमुख सचिव को दो
सप्ताह के भीतर नोटिस जारी किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सैकिया ने रिट याचिका दायर कर 1
जनवरी को विधानसभा सचिव द्वारा जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी है, जिसमें
विपक्ष के नेता के रूप में उनकी मान्यता वापस ले ली गई थी।
विधानसभा
अधिकारियों ने कहा था कि हाल ही में कांग्रेस के दो विधायकों (जो
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए) के इस्तीफे के बाद 126
सदस्यीय सदन में कांग्रेस की संख्या घटकर 20 रह गई है, जो जरूरत से एक कम
संख्या है। इन दोनों के बाहर होने के अलावा कांग्रेस के मौजूदा विधायकों
पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और प्रणब गोगोई का पिछले साल निधन हो गया।
इसके
अलावा असम गण परिषद सदस्य पबिंद्र डेका ने इस्तीफा दे दिया और भाजपा
विधायक राजेन बोरहटाकुर की मौत हो गई, जिससे सदन की प्रभावी ताकत 119
(अध्यक्ष की गिनती नहीं) हो गई। (आईएएनएस)
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