जीएसटी परिषद ने इसके अलावा रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया में छोटे
करदाताओं के लिए अनुपालन का बोझ कम किया है। अब 31 मार्च 2018 तक जीएसटीआर
3बी दाखिल किया जा सकेगा। वित्त सचिव हंसमुख अधिया ने संवाददाताओं को
बताया, ‘‘सभी करदाताओं को जीएसटीआर 3बी दाखिल करना होगा। हालांकि छोटे कर
दाताओं या शून्य कर चुकाने वालों के लिए इसे सरल बनाया गया है। ताकि वे दो
या तीन चरणों में अपना रिटर्न दाखिल कर सकें।’’ उन्होंने बताया कि परिषद ने
यह भी निर्णय लिया कि इस वित्तीय वर्ष के लिए केवल जीएसटी 1 भरा जाएगा और
क्योंकि हम बैकलॉग में चल रहे हैं - जहां हम 11 जुलाई तक केवल जुलाई के लिए
रिटर्न दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘1.5 करोड़ से अधिक कारोबार करने
वाले करदाताओं के लिए जिनके पास इनवायस की बड़ी संख्या है। हम नहीं चाहते
कि उनका रिटर्न एक तिमाही तक लंबित रहे। इसलिए उन्हें अपना इनवायस मासिक
दाखिल करना चाहिए।’’ ये भी पढ़ें - यहां सुहाग उजड़ने के भय से करवा चौथ का व्रत नहीं
अधिया ने यह भी कहा कि रिटर्न को सरल बनाने के
लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो खरीद विवरण को जीएसटीआर 2 के तहत तथा
इनवायस के मिलान को जीएसटीआर 3 के अंतर्गत रखने पर काम कर रही है। परिषद ने
यह भी फैसला किया है कि ‘शून्य’ करदाता के लिए देर से रिटर्न दाखिल करने
का शुल्क अब 20 रुपये रोजाना होगा, जो पहले 200 रुपये रोजाना था और अन्य के
लिए इसे कम कर 50 रुपये रोजाना कर दिया गया है। परिषद ने रियल एस्टेट को
जीएसटी के अंतर्गत लाने पर फिलहाल फैसले को अगली बैठक तक के लिए टाल दिया
है, क्योंकि उनके पास समय कम था।
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