गुवाहाटी। अधिवक्ता और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य भगवंत सिंह सियाल्का ने आरोप लगाया है कि खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के अन्य सदस्यों पर कार्रवाई पंजाब में आगामी उपचुनावों से पहले राजनीतिक लाभ के लिए की गई। सियालका के साथ एसजीपीसी की एक टीम गुरुवार को केंद्रीय जेल में बंद कैदियों के परिवार के कुछ सदस्यों के साथ डिब्रूगढ़ पहुंची। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हवाईअड्डे पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भगवंत सिंह सियाल्का ने कहा, हम हिरासत में लिए गए लोगों के परिवार वालों के साथ यहां आए हैं। 10 में से आठ बंदियों के परिवार के सदस्य यहां आ चुके हैं।
जब उनसे पंजाब की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा गया, तो सियाल्का ने कहा, वहां स्थिति ठीक है। पंजाब में उपचुनाव होने वाले हैं और ये चीजें सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए की हैं। और कुछ नहीं।
यह दूसरी बार है जब एसजीपीसी की टीम डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद वारिस पंजाब दे संगठन के सदस्यों के परिजनों को यहां लाई है।
सियाल्का ने कहा कि वे कैदियों से मिलेंगे और शुक्रवार शाम को पंजाब लौटेंगे।
इस बीच, एसजीपीसी भी अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है।
सियाल्का ने कहा, वर्तमान में, उनका मामला बोर्ड के पास है। देखते हैं कि वहां क्या होता है और फिर हम हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।(आईएएनएस)
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