गुवाहाटी । प्रतिबंधित दिमासा नेशनल
लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) चरमपंथी संगठन के कुल 67 कैडर्स ने गुरुवार को
असम सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आत्मसमर्पण करने के साथ ही उन्होंने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद
जमा कर दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डीएनएलए नक्सलियों ने कार्बी आंगलोंग जिले के
धनसिरीपार में आयोजित एक समारोह के दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष
शाखा) हिरेन नाथ और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी
सदस्य तुलीराम रोंगांग के समक्ष अपने हथियार और गोला-बारूद रखे।
असम
के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चरमपंथियों का मुख्यधारा में स्वागत
करते हुए ट्वीट किया, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि डीएनएलए के 67
कैडर्स ने आज धनसिरीपार, कार्बी आंगलोंग में हथियार डाल दिए हैं।"
डीएनएलए चरमपंथियों ने दो एके 47 राइफल, नौ पिस्तौल, नौ स्थानीय रूप से तैयार की गई बंदूकें और 300 से अधिक कारतूस जमा किए हैं।
डीएनएलए ने सितंबर में संघर्ष विराम की घोषणा की थी और तब समूह के 46 कैडर्स ने 13 नवंबर को आत्मसमर्पण कर दिया था।
डीएनएलए नेता इतिका डिफुसा और मुसरंग दिमासा ने कहा कि जल्द ही संगठन के 50 और कार्यकर्ता कछार जिले में आत्मसमर्पण करेंगे।
डीएनएलए,
जिसे 2018 में एक संप्रभु और स्वतंत्र दिमासा राष्ट्र की मांग के लिए
बनाया गया था, ने कथित तौर पर दीमा हसाओ और आसपास के कार्बी आंगलोंग जिलों
में जबरन वसूली और अपहरण की गतिविधियों को अंजाम दिया। इलाका पहले नक्सली
गतिविधियों का केंद्र था, लेकिन हाल के वर्षो में क्षेत्र में कोई बड़ी
चरमपंथी हिंसा नहीं देखी गई है।
--आईएएनएस
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