गुवाहाटी । असम सरकार ने फैसला किया है कि जो शिक्षक पिछले 14 साल से अधिक समय से संविदा (अस्थायी) शिक्षक के नौकरी कर रहे हैं, उन्हें अब स्थायी (नियमित) किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से कम से कम 4,669 संविदा शिक्षकों को फायदा होगा, जो हाई स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं।
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2010 में, कांग्रेस सरकार ने पूरे प्रदेश के हाई स्कूलों में अंग्रेजी, गणित और सामान्य विज्ञान जैसे विषयों को पढ़ाने के लिए अनुबंध के आधार पर कम से कम 8,000 शिक्षकों की नियुक्ति की थी। हालांकि, कई शिक्षक वर्षों से नौकरी छोड़ चुके हैं और वर्तमान में 4,669 शिक्षक संविदा पदों पर काम कर रहे हैं।
शुरुआत में इन शिक्षकों को प्रति माह 8,000 रुपये का मानदेय (वेतन) मिल रहा था, जिसे बाद में बढ़ाकर 15,000 रुपये और फिर 20,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया। असम मंत्रिमंडल ने शुक्रवार देर रात एक बैठक में संविदा शिक्षकों की नौकरी स्थायी करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "कांग्रेस के शासन के दौरान हाई स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती अनुबंध के आधार पर की जाती थी। 2021 में भाजपा सरकार ने अनुबंधित शिक्षकों की सेवा 60 वर्ष की आयु तक बढ़ा दी और उन्हें नियमित शिक्षकों के बराबर कई सुविधाएं दी गईं।"
उन्होंने कहा, "राज्य के विभिन्न हाई स्कूलों में 4,669 शिक्षक कार्यरत हैं। कैबिनेट ने उनकी नौकरी स्थायी करने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग अगले दस दिनों में इस संबंध में विज्ञापन जारी करेगा।"
उन्होंने कहा, "हालांकि, संविदा शिक्षकों के पास दो विकल्प हैं। यदि कोई शिक्षक अपने वर्तमान पद पर बने रहना चाहता है, तो वे ऐसा कर सकते हैं। यह एक अनिवार्य प्रक्रिया नहीं है और संविदा शिक्षक स्वेच्छा से स्थायी पदों पर जा सकते हैं।"
पिछले तीन सालों से संविदा शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों के बराबर वेतन मिल रहा था, लेकिन उन्हें कुछ लाभ नहीं मिल रहे थे और राज्य सरकार के ताजा फैसले के अनुसार अब वे स्कूलों में नियमित शिक्षक के रूप में काम करेंगे।
गौरतलब है कि असम सरकार ने हाल ही में सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 25,000 शिक्षकों की नौकरियों को नियमित कर दिया है।
--आईएएनएस
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