विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के बाढ़ प्रभावित इलाकों से सैकड़ों लोगों को सोमवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू किया। वायुसेना और नौसेना को पांच हेलीकॉप्टर और 190 नौकाओं को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है।
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अधिकारियों ने बताया कि वायु सेना के तीन और नौसेना के दो हेलीकॉप्टर खाद्य सामग्री गिराने और बाढ़ वाले इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गये हैं। विजयवाड़ा के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक सिंह नगर में भोजन के पैकेट पहुंचाने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया।
एनडीआरएफ की 19 टीमों और एसडीआरएफ की 17 टीमों को एनटीआर, कृष्णा और अन्य जिलों में बचाव एवं राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया था, जहां पिछले तीन दिन के दौरान भारी बारिश और बाढ़ के कारण 19 लोगों की जान चली गई, जबकि दो लोग लापता हो गए।
भारी बारिश और बाढ़ से करीब 4.50 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। सिर्फ विजयवाड़ा में दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए, जहां बुडामेरु नदी के उफान पर आने से कई आवासीय इलाके जलमग्न हो गए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 42 हजार लोगों को 176 राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया। प्रशासन ने उनके लिए 171 चिकित्सा शिविर लगाए हैं। विजयवाड़ा में प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ के कारण कृष्णा नदी में स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, जो बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए विजयवाड़ा में मौजूद हैं, उन्होंने बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए प्रकाशम बैराज का दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि प्रकाशम बैराज के 70 गेटों से 11.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहां वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है।
सोमवार सुबह आई बाढ़ में पांच लकड़ी की नावें गेट नंबर 69 में फंस गईं। सिंचाई अधिकारियों के मुताबिक, पिलर का बेस भी क्षतिग्रस्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ क्षतिग्रस्त गेट की मरम्मत के निर्देश दिए।
अधिकारियों के अनुसार, 15 एनडीआरएफ और नौ एसडीआरएफ टीमों को विजयवाड़ा और एनटीआर जिले के अन्य हिस्सों में तैनात किया गया था। बाकी टीमों को गुंटूर, कृष्णा, एलुरु, बापटला और पालनाडु जिलों में तैनात किया गया था। विजयवाड़ा और एनटीआर जिले, कृष्णा और बापटला जिलों के अन्य हिस्सों के बाढ़ वाले इलाकों से लोगों को निकालने के लिए कुल 188 नावें (152 मोटर चालित और 36 गैर-मोटर चालित) तैनात की गईं।
जल संसाधन मंत्री निम्माला रामा नायडू ने कृष्णा नदी में बाढ़ के स्तर को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा कि इस बार की बाढ़ 1998 और 2009 की बाढ़ से भी अधिक विकराल है। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकार की लापरवाही के कारण बुडामेरु ने तीन स्थानों पर तटबंध तोड़ दिये क्योंकि लाइनिंग और विस्तार कार्य पांच साल तक नहीं किए गए थे।
--आईएएनएस
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