हैदराबाद। आंध्र प्रदेश सरकार ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए राज्य में बिना इजाजत
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से छापा मारने या जांच करने पर पाबंदी
लगा दी है।
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की सरकार ने केंद्र सरकार के अधिकारियों और
निजी व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई अधिकारियों को दी
गई जांच के क्षेत्राधिकार की 'आम सहमति' को निरस्त कर यह आदेश जारी किया
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चंद्रबाबू नायडू सरकार ने यह कदम सीबीआई में जारी संकट के बीच
उठाया है जिसमें एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश
अस्थाना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
आंध्रप्रदेश के मुख्य सचिव
(गृह) ए.आर. अनुराधा ने 8 नवंबर को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम
(डीएसपीई),1946 के अंतर्गत मिले अधिकारों का इस्तेमाल कर यह आदेश जारी
किया।राज्य सरकार ने इस वर्ष 3 अगस्त को सीबीआई को राज्य में उसकी
शक्तियों और क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने पर अपनी आम सहमति दी थी। अब इसे
डीएसपीई अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत निरस्त कर दिया गया है।
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