गुंटूर। आंध्र प्रदेश के प्रतिष्ठित जिन्ना टॉवर को राष्ट्रीय तिरंगे में रंगा गया है। ये टावर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के सम्मान में नामित किए जाने के कारण लंबे समय से विवादों में घिर गया है। सांप्रदायिक पिच को बढ़ाने के प्रयासों को दबाने के लिए गुंटूर नगर निगम ने मंगलवार को संरचना को भारतीय ध्वज के रंगों में रंग दिया और संरचना के चारों ओर लोहे की बाड़ लगाई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हिंदू संगठनों और भाजपा द्वारा बार-बार टावर का नाम बदलने या इसे ध्वस्त करने की मांग की गई है।
इस तरह का नया प्रयास इस वर्ष 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस पर किया गया था, जब लोगों के एक समूह ने टॉवर पर धावा बोलने और उसके ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश की थी। भाजपा की राज्य यूनिट ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सम्मान में टावर का नाम बदलने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था।
जीएमसी के मेयर कवती मनोहर नायडू ने कहा कि टावर स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक है और यही कारण है कि इसे तिरंगे में रंगा गया है। उन्होंने याद किया कि टावर का नाम बदलने के प्रस्ताव को जीएमसी ने 1966 में खारिज कर दिया था।
गुंटूर पूर्व के विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि कई समूहों के अनुरोध के बाद टावर को राष्ट्रीय रंग में रंगने का कदम उठाया गया था। उन्होंने कहा कि टावर के आसपास राष्ट्रीय ध्वज फहराने की भी व्यवस्था की गयी है।
--आईएएनएस
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