अमरावती। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को
अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसमें उन्होंने अपने बेटे नारा लोकेश
सहित 11 को शामिल किया। राज्यपाल ई.एस.एल नरसिम्हन ने यहां आयोजित एक
समारोह में लोकेश तथा 10 अन्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा)
में शामिल हुए तीन सदस्यों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
नायडू
के एकमात्र पुत्र लोकेश मार्च में राज्य विधान परिषद के लिए चुने गए थे।
स्टैनफोर्ड बिजनेस स्कूल से स्नातक 34 वर्षीय लोकेश तेदेपा के महासचिव हैं।
शपथ लेने के बाद लोकेश ने आशीर्वाद लेने के लिए अपने पिता और राज्यपाल के
पैर छुए। लोकेश की मां भुवनेश्वरी, पत्नी ब्राह्मणी, ससुर और मामा अभिनेता
एन. बालकृष्णा तथा परिवार के अन्य सदस्य भी इस समारोह में शामिल हुए।
तेदेपा
के दिवंगत विधायक भूमा नागी रेड्डी की बेटी अखिल प्रिया मंत्रिमंडल में
शामिल होने वाली एकमात्र महिला हैं। भूमा का पिछले महीने हृदयघात के कारण
निधन हो गया था। 26 वर्षीया प्रिया कुरनूल जिले की अलागड्डा विधानसभा सीट
के लिए हुए उपचुनाव में निर्वाचित हुई थीं। उनकी मां शोभा नेगी रेड्डी का
2014 में चुनाव अभियान के दौरान सडक़ दुर्घटना में निधन हो गया था।
भूमा
और उनकी बेटी हालांकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के रूप में
निर्वाचित हुए, लेकिन 2016 में दोनों तेदेपा में शामिल हो गए। तेदेपा की
आंध्र प्रदेश इकाई के प्रमुख काला वेंकट राव को भी कैबिनेट में जगह मिली
है। वह अविभाजित आंध्र प्रदेश में एन.टी. रामा राव की सरकार में गृह मंत्री
के रूप में सेवा दे चुके हैं।
तेदेपा के पोलितब्यूरो के सदस्य एस.
चंद्रमोहन रेड्डी को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। नए मंत्रियों
में पितानी सत्यनारायण भी हैं, जो 2014 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़
तेदेपा में शामिल हो गए। वाईएसआर कांग्रेस से टीडीपी में शामिल होने वाले
21 विधायकों में से तीन को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
मंत्रिमंडल फेरबदल व विस्तार के बाद सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा)
में असंतोष खुलकर सामने आ गए हैं। मंत्रिमंडल से निकाले गए और इसमें शामिल
नहीं किए गए नेताओं ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है, जिसका
कई अन्य विधायकों ने भी समर्थन किया है। जिन नेताओं को मंत्रिमंडल से निकाला गया, उनमें तेदेपा के वरिष्ठ नेता रहे
बी. गोपालकृष्णा रेड्डी भी शामिल हैं, जिन्होंने विरोधस्वरूप विधानसभा से
इस्तीफा दे दिया। एक अन्य विधायक चिंतामणेनी प्रभाकर ने भी इस्तीफे की घोषणा की है, जिन्हें मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिल पाई।
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