सास को सास नहीं बल्कि माँ समझें ये भी पढ़ें - योग की कुछ मुद्राएं इन रोगियों के लिए घातक
अपनी सास को सास नहीं अपितु
अपनी माँ समझकर व्यवहार करें। आप उनके साथ उसी तरह से बातचीत एवं व्यवहार
करें जिस तरह से आप अपनी माँ से करती हैं। मां जीवन में सबसे नजदीकी दोस्त
होती है, इसलिए सास के साथ भी वैसा ही रिश्ता बनाने का प्रयास करें ताकि वह
आपको अपनी बहू नहीं अपितु अपनी बेटी ही समझे। यदि आपकी ननद है और उसकी
शादी हो चुकी है तो आप अपने व्यवहार व स्वभाव से उनकी बेटी की कमी को दूर
करते हुए स्वयं को उनकी बेटी बना सकती हैं। हो सकता है कभी आपकी सास आपके
किसी काम को लेकर आपसे नाराज हो जाएं तो आप बुरा न माने अपितु उनकी नाराजगी
को देखते हुए उनसे सीख लें। इसके अतिरिक्त आप अपने सास-ससुर की जिन्दगी के
बारे में जानें। इससे आपके सास-ससुर की रुचि आपसे बात करनें में बढ़ेगी।
ऐसा करने से आपके बीच एक ऐसा रिश्ता बनेगा जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर
सकती।
पसन्द-नापसन्द को जानें
अपने सास-ससुर की पसंद और ना
पसंद के बारे में जानें। इसके लिए आप अपनी पति की सहायता ले सकती हैं। उनकी
पसन्द-ना पसन्द जानने के बाद आप उसी हिसाब से उनसे व्यवहार करें। ऐसा करने
से आपके सास-ससुर को आपको अपनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
भावना का सम्मान करें
अपने
सास-ससुर की भावनाओं का सम्मान करें। उनका अनादर न करें। यदि आप उनकी किसी
बात से सहमत नहीं हैं तो आप उन्हें तर्क के साथ समझाएं। यदि उन्हें आपके
तर्क में दम नजर आएगा तो वे आपसे तुरन्त सहमत होते हुए आपके अनुसार ही
कार्य करेंगे।
उन्हें खास का अहसास कराएं
सास-ससुर के साथ
रिश्ते को और मजबूत बनाने के लिए उनके जन्मदिन और शादी की सालगिरह को खास
बनाएं। इस दिन आप उनकी पसंदीदा चीजें खाने में बना सकती हैं, कहीं घूमाने
ले जाएं, उनके पुराने दोस्तों को घर पर बुलाने के साथ ही परिवार के अन्य
सदस्यों को भी अपने यहाँ बुलाएँ। आपका यह व्यवहार उन्हें आपके और करीब लाने
में सहायक होगा।
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