कहीं प्यार को मोहब्बत तो कहीं इश्क के नाम संबोधित किया जाता है। तीन
अक्षरों से बने प्यार को कवियों और शायरों ने फूलों-सी कोमलता, ओस के बुंद
की निर्मलता और ईश्वर की सच्चो मन से की जाने वाली प्रार्थना के सामान माना
है। प्यार वो परिपूर्ण ता है, जो एक व्यक्ति को जहनी तौर पर ही नहीं बल्कि
भौतिक और सामाजिग तौर पर भी खास महसूस कराता है। प्यार आत्मा में बसने
वाला पवित्र भाव है। ये भी पढ़ें - बारिश के दिनों में मेकअप करने से पहले, पढें इसे...
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