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इस तरह बचा सकते हैं अपने टूटते हुए रिश्ते को, थोड़ा समझदारी से लें काम

In this way you can save your broken relationship, take some work wisely - Relationship

शादी के बाद लडक़ा हो या लडक़ी दोनों की जिंदगी में बदलाव देखने को मिलता हैं। रिश्ता जुडऩे के बाद दाम्पत्य जीवन में तालमेल बैठाने की जरूरत होती है जिसके लिए दोनों को अपने स्वभाव में कुछ बदलाव लाने की जरूरत पड़ती है। अक्सर देखा जाता है कि दोनों का अलग स्वभाव रिश्ते को कमजोर करता है और दोनों के बीच दूरियां आने लगती हैं। रिश्ते में पनपी यह गलतफहमी रिश्ते को टूटने की कगार पर पहुंचा देती है। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते समझदारी से काम लिया जाए और तालमेल बैठाते हुए रिश्ते को संभाला जाए। कहते हैं कि किसी भी रिश्ते में वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता। जब आप किसी से मिलते हैं, तब रिश्तों में मायने अलग होते हैं, लेकिन जब आप साथ रहते हैं तो रिश्ते में प्यार के साथ-साथ विश्वास, अपनापन आदि भी पनपता है। लेकिन कई बार ऐसा वक्त भी आता है, जब रिश्ते में असुरक्षा, कम्युनिकेशन गैप, गलतफहमी और इमोशनल डिस्टेंस जैसी चीजें अपनी जगहें बना लेती हैं। कई बार इन्हीं सब समस्याओं के चलते रिश्ते में समस्या उत्पन्न होने लगती है। इतना ही नहीं, कभी-कभी तो ऐसे में रिश्ता टूटने तक की नौबत आ जाती है। इस स्थिति में अपने रिश्ते को तोडऩे या आपसी रिश्तों में खटास पैदा करने की जगह आप कुछ समय के लिए पीछे हो जाएं और यह समझने का प्रयास करें कि आखिरकार गलती कहाँ हो रही है। जब आप निष्पक्ष होकर समस्या की ओर ध्यान देंगे तो यकीनन समाधान भी आपको अपने आसपास ही मिल जाएगा और फिर आपके लिए अपने टूटे हुए रिश्ते को जोडऩा काफी आसान हो जाएगा।
आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से अलग स्वभाव होने पर भी रिश्ते को मजबूत किया जा सकता है—

एक-दूसरे को समझें एक समान
दांपत्य जीवन में यदि कोई एक पार्टनर खुद को दूसरे पार्टनर से बड़ा समझे या महान समझे तो ऐसा करने से भी मनमुटाव हो सकता है। क्योंकि आप एक अच्छी जगह नौकरी करते हैं या आपकी सैलरी आपके पार्टनर से ज्यादा है तो इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आप अपने पार्टनर की बात नहीं सुनेंगे या उस पर अपनी मनमानी करेंगे। ऐसा करने से लड़ाई और मनमुटाव ज्यादा बढ़ सकता है। हमेशा दांपत्य जीवन में एक दूसरे को समान समझे और दोनों के फैसले को महत्व दें।

हेल्दी कम्युनिकेशन पर दें जोर
अगर आपको अपने रिश्ते की वास्तविक समस्या के बारे में पता चल गया है तो यह वक्त है कि आप एक हेल्दी कम्युनिकेशन के जरिए उन्हें सुलझाने की कोशिश करें। यह आपके साथी को उन तरीकों से ट्रिगर कर सकता है जिनके बारे में आपने सोचा नहीं होगा। ऐसे में आप ऐसे विषयों पर बात करते हुए थोड़ा समझदारी का परिचय दें। साथ ही एक-दूसरे की भावनाओं व अपेक्षाओं को ध्यानपूर्वक सुनने के साथ-साथ सामने वाले व्यक्ति को आपकी भावनाओं को एक्सेप्ट करने के लिए भी थोड़ा समय दें।

माफी मांगना
किसी भी रिश्ते के सक्सेसफुल होने का गोल्डन रूल माफी माँगना सीखना है। माफी माँगने से कोई व्यक्ति बड़ा या छोटा नहीं होता है। यह वास्तव में, आपके साथी और रिश्ते के प्रति आपकी ताकत और सम्मान का प्रदर्शन है। अपनी गलतियों को जल्दी स्वीकार करने से आप अपने रिश्ते में अनहेल्दी सिचुएशन से बचाव कर सकती हैं। साथ ही इससे किसी तरह के मन-मुटाव होने पर उसे आसानी से दूर भी किया जा सकता है।

किसी तीसरे को कभी ना लाएं रिश्ते में
पति-पत्नी के बीच में छोटे-मोटे बातचीत पर असहमति होना एक आम बात है। ऐसे में रिश्ता और मजबूत वह इंटरेस्टिंग बनता है। लेकिन यदि आप दोनों के बीच में कोई भी दिक्कत आ रही है तो किसी तीसरे को बीच में ना लाएं। खुद उस मामले को सुलझाने की कोशिश करें। क्योंकि किसी तीसरे के आने से हो सकता है कि आपका पार्टनर आपसे और गुस्सा हो जाए। ऐसे में अपने बीच की बात किसी को भी ना बताएं। वरना इससे आपके रिश्ते की डोर कमजोर हो सकती है। जो भी निर्णय है या भी मसला है उसे आपस में सुलझाने की कोशिश करें। साथ ही एक दूसरे से बातचीत बंद ना करें।

न करें गलतियों और कमजोरियों का बखान
अक्सर देखने में आता है कि हर पार्टनर की अपनी-अपनी कुछ कमजोरियां होती हैं, ऐसे में एक-दूसरे के उस बटन को पुश करना किसी भी लिहाज में सही नहीं है। इससे आपकी किसी बात का हल नहीं निकलता, बस आपके बीच दूरियां और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं। इसलिए आप दूसरे की गलतियों या कमजोरियों को किसी भी तरह की लड़ाई के बीच में लाने की गलती ना करें।

तय करें सीमाएं
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि रिश्ते को सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। लेकिन रिश्ते से बाहर दोनों ही पार्टनर्स की अपनी एक अलग पर्सनैलिटी, इच्छाएं व सोचने का तरीका है। ऐसे में रिलेशनशिप में सीमाओं को तय करने से आप वास्तव में बाद में होने वाली किसी परेशानी, झगड़े या मनमुटाव से काफी हद तक बच सकते हैं। इसके अलावा, अगर कोई एक पार्टनर इस सीमा को भूल जाता है और रिश्ते में समस्या या दूरी उत्पन्न होती हैं तो ऐसे में आपको बेहद ही जेंटल तरीके से उसे अपनी बात समझानी चाहिए, ताकि दूरियों को बेहद आसानी से पाटा जा सके।

एक-दूसरे से करें बातचीत
एक दूसरे से मन ना मिलने के कारण या अलग स्वभाव होने के कारण दांपत्य जीवन में लड़ाई होना संभावित है। ऐसे में यदि एक दूसरे से बातचीत बंद कर दें तो इससे और भी दिक्कत बढ़ सकती है। हो सकता है कि किसी टॉपिक पर या परिस्थिति पर आप दोनों के विचार एक दूसरे से नहीं मिल रहे हैं लेकिन ऐसे में लड़ाई होने पर एक दूसरे से बातचीत करना गलत है। वरना इससे परिस्थिति और खराब हो सकती है और रिश्ता कमजोर हो सकता है।

कभी ना बदलें अपने पार्टनर का स्वभाव
दांपत्य जीवन में एक दूसरे से प्यार करने के साथ-साथ उसकी इज्जत करना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में यदि आपको पता है कि आपके पार्टनर का स्वभाव अलग है या उसके कुछ फैसले आपको पसंद नहीं हैं तो उसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपने पार्टनर के स्वभाव को बदलें। ऐसा करने से आपके पार्टनर को लग सकता है कि आप उससे प्यार नहीं करते और आप को उनके कारण शर्मिंदगी होती है। ऐसे मैं अपने पार्टनर का स्वभाव बदलने के बजाय आप अपने पार्टनर को अपनी परेशानी के बारे में बताएं और एक दूसरे से बातचीत करें।

यह लेखक के अपने निजी विचार हैं। हो सकता है आप इससे सहमत न हों। यदि कहीं आपका रिश्ता टूटने के कगार पर है तो थोड़ा समझदारी से काम लें और इसे टूटने से बचाएँ। आप स्वयं विवेकशील और समझदार हैं किसी अन्य के कहने पर ना चलें।

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