न करें रूखा व्यवहार, बढ़ सकती है आक्रामकता ये भी पढ़ें - फिट रहने में वसायुक्त चॉकलेट और मांस अधिक मददगार
बच्चे शारीरिक और
भावनात्मक दोनों तरह की सुरक्षा के लिए माता-पिता पर भरोसा करते हैं। अपने
बच्चे को आश्वस्त करें कि आप उनके लिए वहाँ हैं। उसे गले लगाएं और दिन में
कई बार प्यार का अहसास दिलाएं। कहें—मैं तुमसे प्यार करता या करती हूँ। इस
विकट परिस्थिति में बच्चे को अकेलापन महसूस न होने दें। कभी-कभी बच्चे गलत
व्यवहार करते हैं, क्योंकि वे ऊब गए हैं। महामारी को लेकर उनके डर व सवालों
का जवाब दें। उसकी भावनाओं को पहचाने व कद्र करें। उनसे कहें—हम देख सकते
हैं कि तुम परेशान हो। तुम अब अपने दोस्तों से मिलने लगे हो, लेकिन उन्हें
देखकर तुम्हें डर महसूस होता है। तुम अभी अपने दोस्तों के साथ खेल नहीं
सकते। हम घर में आनन्दपूर्वक खेल सकते हैं। यदि दोस्तों के साथ खेलना है तो
दूरी रखते हुए सुरक्षात्मक तरीके से उनके साथ खेलो। आपकी ऐसी बातें बच्चों
के लिए मरहम का काम करेंगी।
आपस में बात करें
बच्चों से
नियमित रूप से बात करें और एक अच्छे श्रोता बनें। उनकी चिंताओं और निराशाओं
पर सकारात्मक और सृजनात्मक रूप से चर्चा करें। टेलीफोन के स्थान पर उन्हें
अपने दोस्तों से मिलने के लिए जाने दें। अपने परिजनों से भी उन्हें अब
मिलने की इजाजत दें।
व्यायाम और आहार
व्यायाम करने से शरीर
कई रसायन छोड़ता है। ये रसायन मिजाज को अच्छा करने में मदद करते हैं।
विशेषकर आप इन दिनों घर में रहकर ही व्यायाम करें तो अच्छा है। सन्तुलित और
सम्पूर्ण आहार लें। इसमें उपयुक्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन व मिनरल्स
का समावेश हो। जंक और फास्ट फूड को सीमित करें। बच्चों के खाने को रोचक और
मजेदार बनाएं, उनका मिजाज अच्छा रहेगा।
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