इस वर्ष बुधवार 31 अगस्त को देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। दो साल बाद यह पहला मौका है जब भक्त अपने गणेशजी के आसानी से दर्शन कर सकेंगे। गणेश जी प्रथम पूजनीय हैं और हर शुभ काम में सबसे पहले उन्हीं का स्मरण किया जाता है। इस दिन गणेश जी के जन्मोत्सव की धूम देश के हर गणेश मंदिर में देखने को मिल जाएगी। अद्र्ध रात्रि से ही गणेश मंदिरों भक्तों की भीड़ जमा होने लग जाती है। प्राकृतिक, ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर के कारण प्रसिद्ध राजस्थान में गणेशजी के 8 ऐसे मंदिर हैं जिनमें श्रद्धालुओं की जबरदस्त आस्था है। इन मंदिरों में हर बुधवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। आज हम अपने पाठकों को राजस्थान के इन्हीं मंदिरों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं— ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
1. मोती डूंगरी, जयपुर
जयपुरवासियों के लिए मोती डूंगरी एक खास मंदिर है। मंदिर की एक विशेष मान्यता है, जिसके कारण भक्त शहर के कोने कोने से यहां पहुंचते हैं। दरअसल जयपुरवासियों का मानना है कि नई गाड़ी खरीदने के तुंरत बाद सबसे पहले इस मंदिर में लाकर पूजा करनी चाहिए। इससे वाहन शुभ फल देता है। मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्ति जयपुर के राजा माधोसिंह प्रथम की रानी के पीहर मावली से लाई गई थी। माना जाता है कि ये प्रतिमा करीब पांच सौ साल पुरानी है। मावली से ये प्रतिमा पल्लीवाल नाम के एक सेठ जयपुर लेकर आए थे। पल्लीवाल सेठ की देखरेख में ही मोती डूंगरी का ये प्रसिद्ध मंदिर बनवाया गया था।
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