जैसलमेर किला वर्ष 1156 ईस्वी में रावल जैसल नामक भाटी राजपूत शासक द्वारा
बनाया गया था जिसने अपने भतीजे भोजदेव को गद्दी से उतरने के लिए गौर के
सुल्तान के साथ साजिश की थी। किले ने कई लड़ाइयों और युद्धों की पृष्ठभूमि
के रूप में कार्य किया है। दिल्ली के सुल्तान द्वारा दो मुस्लिम आक्रमणों
के बाद 1276 ई में महारावल जेतासी द्वारा किले की रक्षा संरचना के रूप में
रंग बुर्ज को किले में जोड़ा गया था। तेरहवीं शताब्दी में अला-उद-दीन-खिलजी
द्वारा किले पर फिर से हमला किया गया, जिसने राजपूत महिलाओं को आत्म-हीनता
के लिए मजबूर कर दिया। 1541 में हुमायूँ के हमले के बाद मुगल के खिलाफ
रावल की अवज्ञा अंतत: टूट गई और उसने अपनी बेटी की शादी अकबर से की जो
हुमायूँ का उत्तराधिकारी था। मध्ययुगीन काल में सिल्क मार्ग के साथ जैसलमेर
का किला एक महत्वपूर्ण व्यापार और व्यवसायिक पड़ाव बन गया था। ये भी पढ़ें - अखरोट है सेहत के लिए फायदेमंद
जैसलमेर
रेगिस्तान के पास स्थित होने के कारण नवंबर से जनवरी जैसलमेर किले की
यात्रा करने का सबसे आदर्श समय माना जाता है, जब आप सूरज की चमकदार किरणों
और सर्दियों की ठंड का आनंद ले सकते हैं। जो आपकी यात्रा और अधिक रोमंचक
बना देगी। इसलिए आप अपनी सर्दियों की छुट्टियों के लिए जैसलमेर किले की
यात्रा का प्लान कर सकते हैं।
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