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भारत में स्थित हिमाचल प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए पूरे विश्व में पर्यटकों के नजरों में एक खास स्थान रखता है। हिमाचल प्रदेश में कई पर्यटन स्थल—मसूरी, मनाली, देहरादून, कुल्लू, शिमला, नैनीताल—आदि हैं। इन्हीं पर्यटन स्थलों में ही शामिल है प्राकृतिक खूबसूरती और ऊँची पहाडिय़ों के बीच बसा शहर मंडी, जो हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बाद जनसंख्या की दृष्टि से हिमाचल का दूसरा सबसे बड़ा शहर व जिला है। मंडी, जिसका पूर्वनाम मांडव नगर था और तिब्बती नाम जहोर है, भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के मंडी जिले में स्थित एक नगर है। यह जिले का मुख्यालय भी है और ब्यास नदी के किनारे बसा हुआ हिमाचल का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ धार्मिक व सांस्कृतिक केन्द्र भी है।
मंडी नगर राज्य की राजधानी, शिमला, से 145 किलोमीटर (90 मील) उत्तर में स्थित है। यह पर्यटन की दृष्टि से महत्व रखता है और यहाँ आयोजित नवरात्रि मेला प्रसिद्ध है। मंडी में हर वर्ष नवरात्र के अवसर पर आयोजित होने वाला यह मेला विश्व में अपनी एक अलग पहचान रखता है। इसे वाराणसी ऑफ हिल्स या छोटी काशी या हिमाचल की काशी के रूप में जाना जाता है। मंडी के लोगों का गर्व से दावा है कि बनारस (काशी) में केवल 80 मंदिर है, जबकि मंडी में 81 मंदिर है। यह कभी मंडी रियासत की राजधानी हुआ करती थी। मंडी नगर की स्थापना अजबर सेन द्वारा सन् 1527 में हुई। मंडी रियासत सन् 1948 तक अस्तित्व में रही। बाद में मुख्य शहर पुरानी मंडी से नई मंडी में स्थानांतरित करा गया।
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