—राजेश कुमार भगताणी
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भारत एक सर्वपंथ समादर देश हैं, जहां पर सभी धर्मों और सभी धर्म स्थलों का सम्मान किया जाता है। आज हम बात करने जा रहे हैं सिख सम्प्रदाय के धर्म स्थल गुरुद्वारा के बारे में। गुरुद्वारा को गुरु तक पहुँचने या पाने का द्वार बताया गया है। गुरुद्वारा एक ऐसी जगह है जहाँ जाकर मन को एक अजीब सी शांति का अहसास होता है।
गुरुद्वारे भारत के सबसे सुंदर, पवित्र और दयालु स्थानों में से एक हैं। गुरुद्वारे सिख समुदाय के लोगो के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल और आस्था केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। भारत के ये प्रसिद्ध गुरूद्वारे संत गुरु नानक जी महाराज और सिख गुरुओं को समर्पित हैं। जिन्होंने सिख धर्म को भारत में स्थापित किया। गुरुद्वारे सिख धर्म के लोगों का पवित्र पूजा स्थल हैं, जो न केवल हमें आत्मिक सुकून प्रदान करते हैं बल्कि हमें इस बात की भी जानकारी देते हैं कि सिख धर्म किस तरह कायम है।
यूँ तो भारत में हजारों गुरुद्वारे हैं जो सिख समुदाय के भक्तों के लिए आस्था केंद्र के रूप में कार्य करते हैं।
आज हम अपने खास खबर डॉट कॉम के पाठकों को देश के कुछ ऐसे चुनिंदा गुरुद्वारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें तीर्थ स्थल के रूप में सिख धर्म के अनुयायी मानते हैं और जिन्हें सिख अनुयायीयों के साथ साथ बड़ी संख्या में भारतीय और विदेशी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते हैं—
गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब सिंह उर्फ स्वर्ण मंदिर
यह देश का सर्वाधिक लोकप्रिय और सर्वश्रेष्ठ गुरुद्वारा है। सिख धर्मावलम्बियों के लिए यह पवित्र तीर्थ स्थान का दर्जा रखता है। हर सिख अपनी जिन्दगी में एक बार तो जरूर अमृतसर स्थित इस गुरुद्वारे में मत्था टेकने आता है। ‘गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब सिंह’ को ‘श्री दरबार साहिब’ और ‘स्वर्ण मंदिर’ भी कहते हैं। कहा जाता है कि गुरुद्वारे को बचाने के लिए महाराजा रणजीत सिंह जी ने गुरुद्वारे का ऊपरी हिस्सा सोने से ढँक दिया। इस मंदिर का ऊपरी माला 400 किलो सोने से निर्मित है, इसलिए इस मंदिर को स्वर्ण मंदिर नाम दिया गया। यह अमृतसर पंजाब में स्थित है। बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन इस मंदिर को हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है। कहने को तो ये सिखों का गुरुद्वारा है, लेकिन मंदिर शब्द का जुडना इसी बात का प्रतीक है कि भारत में हर धर्म को एकसमान माना गया है। यही वजह है कि यहाँ सिखों के अलावा हर साल विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु भी आते हैं, जो स्वर्ण मंदिर और सिख धर्म के प्रति अटूट आस्था रखते हैं। इस मंदिर के चारों ओर बने दरवाजे सभी धर्म के लोगों को यहाँ आने के लिए आमंत्रित करते हैं।
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