—राजेश कुमार भगताणी ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तालुका में हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है नारायण सरोवर। यह सरोवर हिन्दुओं की पांच पवित्र झीलों में से एक हैं। यहाँ पर सिंधु नदी का सागर से संगम होता है। नारायण सरोवर का संबंध भगवान विष्णु से है। नारायण सरोवर के तट पर भगवान आदिनारायण का प्राचीन और भव्य मंदिर है। साथ ही त्रिकमरायजी, लक्ष्मीनारायणजी, गोवर्धननाथजी, द्वारकानाथजी, रणछोडऱायजी और लक्ष्मीजी के मंदिर भी यहाँ बने हुए हैं। मान्यता है कि इन मंदिरों का निर्माण महाराव देसलजी की पत्नी ने करवाया था। यहाँ से चार किलोमीटर दूर प्रसिद्ध कोटेश्वर शिव मंदिर है।
श्रीमद् भागवत में भी पवित्र नारायण सरोवर का वर्णन किया गया है। श्रीमद् भागवत के अनुसार इस स्थान पर राजा बर्हिष के पुत्र दसपचेतस् ने पुत्र प्राप्ति के लिए तपस्या की थी। दसपचेतस् भगवान रूद्र से रुद्रगान सुनकर लगभग 10 हजार सालों तक यहां पर रुद्र जाप करते रहे। उनकी इस तपस्या से भगवान प्रसन्न हुए और उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई, जिनका नाम दक्ष प्रजापति रखा गया।
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