नई दिल्ली, । आपने सफेद रंग की मिश्री तो देखी होगी, लेकिन क्या आपने कभी भूरे रंग की ताल मिश्री खाई है। अगर नहीं तो हम आपको बताते है कि ताल मिश्री क्या है और ये हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी लाभदायक साबित हो सकती है।
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पत्थर जैसी दिखने वाली ताल मिश्री न केवल मिठास से भरपूर होती है बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्वों के लिए यह चक्कर आना, एनीमिया, ऊर्जा की कमी, नाक से खून आना, खांसी जैसी बीमारियों में राहत प्रदान करने वाली साबित हो सकती है। इसके अलावा यह मस्तिष्क के लिए, स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी लाभकारी हो सकती है।
असल में मिठास भरपूर चीनी एक रिफाइंड शुगर होती है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इससे दूर रहने की सलाह दी जाती है। सफेद मिश्री चीनी से बेहतर होती है लेकिन ताल मिश्री पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए इसका उचित मात्रा में सेवन लाभकारी होता है।
सबसे खास बात है कि यह कोई रिफाइंड उत्पाद नहीं होता है। इसे बनाने में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए इसे 6 महीने के बच्चों को भी दिया जा सकता है। ताल मिश्री में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। जिससे शरीर की हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलती है।
शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए ताल मिश्री का आप सेवन कर सकते है। इसके नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी सही तरीके से बना रहता है। वहीं ब्लड शुगर के लिए ताल मिश्री के अनेक फायदे है।
ताल मिश्री में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज होता है जो शरीर के लिए एनर्जी बूस्टर के तौर पर काम करता है। ताल मिश्री के साथ कुछ चीजों को मिलाकर खाने से यह और भी गुणकारी बन जाती है। ताल मिश्री को काली मिर्च पाउडर व घी में मिलाकर सेवन करने से खांसी से राहत मिल जाती है। वहीं इससे पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।
ताल मिश्री और सौंफ एक साथ खाने से पाचन सिस्टम बेहतर बना रहता है। यह चिंता-तनाव जैसी समस्याओं में भी एक फील गुड फैक्टर की तरह काम करता है।
हालांकि इतने गुणों के बावजूद यह बेहद जरूरी है कि ताल मिश्री का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए। अतिसेवन में हर चीज के साइड इफेक्ट्स होते हैं।
--आईएएनएस
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