एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के टेक्नोलॉजी एवं मेंटर (क्लिनिकल पैथोलोजी) विभाग
के अध्यक्ष डॉ. अविनाश फडक़े ने कहा कि थायराइड ग्रंथि से दो मुख्य हार्मोन
बनते हैं जिन्हें थॉयरॉक्सिन या टी4 और टी3 कहा जाता है। दिमाग में स्थित
पियूष ग्रंथि थॉयराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन- टीएसएच बनाती है जो टी4 और टी3
की मात्रा पर नियन्त्रण रखता है, इस पर निगरानी बनाए रखता है। ये भी पढ़ें - गुणकारी अंगूर,जानिए इसके 5 लाभ
लिंग
असमानता की बात करते हुए डॉ. फडक़ ने कहा, पुरुषों की तुलना में महिलाओं का
शरीर हार्मोनल बदलाव के लिए अधिक संवेदनशील और अधिक प्रतिक्रियाशील होता
है। सभी महिलाओं को अपने पहले एंटीनेटल विजिट के दौरान टीएसएच स्तर की जांच
करानी चाहिए, गर्भावस्था से पहले तथा गर्भावस्था की पुष्टि होने के बाद भी
तुरंत स्क्रीनिंग की जानी चाहिए।
(IANS)
क्या पथरी का घरेलू इलाज संभव है ? , यहां पढ़ें
क्या हार्ट वाल्व की सिकुड़न को आयुर्वेदिक इलाज से ठीक किया जा सकता है ?, यहां पढ़ें
दीपिका पादुकोण के ब्रांड 82°E ने की रिलायंस रिटेल के टीरा संग साझेदारी
Daily Horoscope