बदलते मौसम की वजह से वायरल, गले का इन्फैक्शन, जोडों में दर्द, डेंगू,
मलेरिया, निमोनिया, अस्थमा, आथ्रईटिस, दिल व त्वचा से सम्बन्धित समस्याएं
अधिक बढ जाती हैं। अगर इस मौसम का लुत्फ उठाना है, तो अपनी दिनचर्या को
मौसम के अनुरूप ढालना बेहद जरूरी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अस्थमा से पीडित और बुजुर्ग धुंध छंटने के बाद हीबाहर निकलें। दवाएं और इनहेलर वक्त पर लेते रहें।
ऐलर्जी से पीडित लोग साबुन, डिटजैंट और ऊनी कपडों के सीधे सम्पर्क से बचें।
ठंडे,
खट्टे, तले व प्रिजर्वेटिव खाने के सेवन से इस मौसम में संक्रमण की आशंका
कहीं अधिक बढ जाती है। इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए विटामिन सी से
भरपूर फलों एवं ताजा दही का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ-साथ
फाइबरयुक्त भोजन को भी एहमियत दें। मौसमी फल-सब्जियां जरूर खाएं, बासी खाना
या पहले से कटी हुई फल-सब्जियां ना खाएं।
कभी खाली पेट शरीर को कम जो करता है। ऐसे में वायरल इन्फैक्शन का डर ज्यादा रहता है।
इस
मौसम में स्किन पर भी काफी प्रभाव पडता है। स्किन में रूखापन बढ जाता है।
इसलिए अधिक मसालेदार और तलाभुना खाना ना खाएं, क्योंकि यह स्किन को खुश्क
बनाता है। जिन्हें ऐंजाइना या स्ट्रोक हो चुका हो, उन्हें इस मौसम
में नियमित रूप से दवा लेनी चाहिए और सर्दियां शुरू होते ही एक बार चैकअप
करा लेना चाहिए। डॉक्टर की सलाह से जरूरी दवा साथ रखें।
पसीने की गाढ़ी कमाई से खरीदी जाती है ज्वैलरी, इन उपायों से रखें सुरक्षित
80% सटीकता के साथ घातक हृदय रोग का पता लगा सकता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल
जानवरों में अधिक वायरस फैलाते हैं इंसान - अध्ययन
Daily Horoscope