नई दिल्ली। मानसून के दौरान नमी तथा आद्र्रता भरे मौसम में शरीर की
प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे शरीर में कीटाणुओं के संक्रमण की
वजह से त्वचा तथा बालों की कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसे में त्वचा
में जलन, फुंसी, लाल चकत्ते तथा दाद खाज जैसी समस्या हो जाती है। इन
समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सतर्कता जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति
प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ और हर्बल क्वीन के नाम से लोकप्रिय शहनाज हुसैन
ने कहा कि मानसून के मौसम में त्वचा को नमी या गीलेपन से बचाने की अत्याधिक
आवश्यकता होती है क्योंकि गीलेपन से त्वचा में कीटाणु प्रवेश करते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने
कहा कि त्वचा तथा सिर पर गीलेपन की वजह से गंदगी तथा प्रदूषण वाले तत्व
आसानी से जम जाते हैं। इस मौसम में बाल सामान्यता निर्जीव हो जाते है।
मॉनसून के मौसम में त्वचा को प्रदूषण से बचाए रखने के लिए त्वचा की गहराई
से क्लीजिंग की जानी चाहिए। तैलीय त्वचा के लिए चावल के आटे में थोड़ा से
गुलाब जल मिलाइए जबकि सामान्य तथा शुष्क त्वचा के लिए बादाम को दूध या दही
में मिलाइए। अत्याधिक शुष्क तथा संवेदनशील त्वचा के लिए स्क्रब का प्रयोग न
करें। मानसून सीजन में अपने चेहरे को बार-बार ताजे साफ पानी से धोइए।
ताजगी भरा स्किन टॉनिक बनाने के लिए गुलाब जल को विच हेजल में मिलाकर
प्रयोग में लाया जा सकता है।
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