बदलाव की उम्मीद बेक़ार... ये भी पढ़ें - जानें संतुलित आहार की अनजानी बातों के बारे में
रिश्तों में सबसे बड़ी ग़लती जो हम कर बैठते
हैं वो है कि हम अपने पार्टनर से आशा करते हैं कि वो बदल जाएगा और अपनी
ग़लत हरक़तों को दोहराना छोड़ देगा। यदि आप इस उम्मीद में रिश्ता कायम रखे
हुई हैं तो चेत जाइए। अगर किसी इंसान को आप बदल सकती हैं तो वो इंसान हैं
आप ख़ुद! हम किसी को ज़बरन नहीं बदल सकते।
आप बेहतर की हक़दार हैं...
जब
हम किसी को प्यार करते हैं, और वो प्यार हमारी तरफ़ लौटकर नहीं आता, तब
समझ जाना चाहिए कि आप अपना टाइम वेस्ट कर रहे हैं। ऐसे रिश्ते से बाहर आने
में ही भलाई है। क्योंकि जब तक हमारे दिल के आईने में किसी ग़लत व्यक्ति की
तस्वीर दिखती रहेगी, तब तक किसी दूसरे व्यक्ति का सही अक्स कैसे दिखाई दे
सकता है, भला!
अकेले न हो परेशान...
रिश्ता टूटने के बाद
ऐसा लगता है माने जिदंगी खत्म हो गई है। लेकिन आपको संभलना होगा क्योंक
आपकी ज़िंदगी अभी ख़त्म नहीं हुई है। एक बार फिर अपनी ज़िंदगी पर अपना
कंट्रोल बनाएं। ऐसे रिश्ते से निकलना आसान काम नहीं है। ऐसे में न तो मदद
लेने से हिचकिचाएं, और न ही आंसुओं पर बांध लगाएं। रोने से आप हल्का महसूस
करेंगे। परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के आसपास रहने से आप जल्दी सदमे से
उबर पाने में सफल होंगी और पुरानी कड़वी यादों को मन ही मन नहीं दोहराएंगी।
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