अनिद्रा या नींद न आना एक गंभीर समस्या है, जो आजकल काफी आम हो चुकी है। इसे मेडिकल भाषा में इनसोम्निया भी कहते हैं। अनिद्रा की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को रात में सोने में कठिनाई होती है। दिनभर की थकान के बाद भी व्यक्ति रात में सो नहीं पाता है और सिर्फ करवटें बदलता रहता है। रात में नींद न पूरी होने की वजह से न सिर्फ दिनचर्या प्रभावित होती है, बल्कि शरीर पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। रात में अच्छी और गहरी नींद न ले पाने की वजह से व्यक्ति को थकान, कमजोरी, आलस और चिड़चिड़ापन महसूस होता है।
जब मस्तिष्क के वे क्षेत्र जो आमतौर पर जागने के दौरान सक्रिय होते हैं, नींद के दौरान सक्रिय हो जाते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप अनिद्रा हो सकती है। इसमें खराब नींद की शिकायत करने वाला व्यक्ति और नींद शुरू करना या बनाए रखना शामिल है। इससे नींद के पैटर्न में बाधा आती है और नियमित कार्यक्षमता प्रभावित होती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अनिद्रा अक्सर महिलाओं और वृद्धों में देखी जाती है। तीव्र अनिद्रा कई दिनों या हफ्तों तक रह सकती है, जो अक्सर दर्दनाक घटनाओं या व्यवसाय या दवा में बदलाव के कारण होती है। दीर्घकालिक अनिद्रा कई महीनों तक भी रह सकती है। मानसिक विकारों से पीड़ित लोगों और मादक द्रव्यों के सेवन के इतिहास वाले लोगों में दीर्घकालिक अनिद्रा होने की संभावना अधिक होती है।
अनिद्रा आपकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधि को प्रभावित कर सकती है और आपको कम उत्पादक बना सकती है। नींद की लगातार कमी अवसाद, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी हो सकती है।
अगर आप भी अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इसके अलावा, कुछ आयुर्वेदिक उपायों की मदद से भी आप अनिद्रा से राहत पा सकते हैं। आज इस लेख में हम अपने पाठकों को आयुर्वेद के कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने का प्रयास
कर रहे हैं, जिनकी सहायता से आप अनिद्रा की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं—
झपकी के समय को ना कहें
झपकी नींद के चक्र में अनियमितता लाकर सामान्य नींद फिजियोलॉजी को बाधित करती है। अपराह्न 3:00 से 4:00 बजे के आसपास झपकी लेने से नींद की स्वच्छता पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
स्वस्थ जीवन शैली चुनना
सोच-समझकर चुनाव करना अनिद्रा से निपटने की कुंजी हो सकता है। आरामदायक रातों को अनलॉक करने के लिए, तम्बाकू, शराब, या कैफीन तक पहुंचने के बजाय, आराम से नींद लाने के लिए एक शांत हर्बल चाय या एक सुखदायक कप दूध का सेवन करने पर विचार करें। योग, ध्यान या इत्मीनान से शाम की सैर जैसी शांत गतिविधियों को प्राथमिकता दें, क्योंकि ये आपके शरीर को उस आराम के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकते हैं जिसके वह हकदार हैं। भोजन की बात करें तो सोने से कुछ घंटे पहले हल्का और पौष्टिक रात्रिभोज चुनें। इससे आराम का माहौल बनता है और सूजन और एसिडिटी दूर रहती है।
प्राणायाम और योग
कुछ योगासन और प्राणायाम भी अनिद्रा की शिकायत को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं। सोने से पहले भ्रामरी प्राणायाम, शीतली प्राणायाम, नाड़ी शोधन का अभ्यास करने से अच्छी नींद लेने में मदद मिल सकती। वहीं, बालासन, उत्तासन और शवासन जैसे योगासन भी अनिद्रा के साथ साथ एंग्जाइटी और तनाव के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
अभ्यंग
आयुर्वेद में अभ्यंग यानी गर्म तेल से खुद की मालिश करने का विशेष महत्व है। इससे शरीर की कई परेशानियों को दूर किया जा सकता है। अगर आप अनिद्रा से जूझ रहे हैं, तो तिल के तेल या नारियल के तेल से अपने पूरे शरीर की मालिश करें। उसके बाद गुनगुने पानी से नहा लें। ऐसा करने से शरीर में मांसपेशियों को आराम मिलेगा और दिमाग को शांति का अनुभव होगा। इससे आप रात में अच्छी और गहरी नींद ले पाएंगे।
ब्राह्मी
आयुर्वेद में ब्राह्मी का उपयोग एक शक्तिशाली औषधि के रूप में किया जाता है। अनिद्रा की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्राह्मी के तेल से सिर में मालिश करने से शरीर को आराम मिलेगा, जिससे अच्छी और गहरी नींद आ सकती है। आप इसका इस्तेमाल चूर्ण या गोली के रूप में भी कर सकते हैं। यह एकाग्रता और याददाश्त को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती है। हालांकि, इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
गर्म दूध
रात में सोने से पहले गर्म दूध का सेवन करने से अच्छी और गहरी लेने में मदद मिल सकती है। इसमें ट्रिप्टोफैन होता है, जो मस्तिष्क में सेरोटोनिन को बढ़ाता है, जिससे नींद आती है। अगर आप अनिद्रा की समस्या से ग्रसित हैं, तो रोज रात में सोने से पहले गर्म दूध में हल्दी पाउडर या केसर मिलाकर पिएं। इससे न सिर्फ अच्छी नींद आएगी, बल्कि शरीर की कई समस्याएं भी दूर होंगी।
अश्वगंधा
आयुर्वेद में अश्वगंधा का इस्तेमाल कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद औषधीय गुण अनिद्रा की शिकायत को दूर कर सकते हैं। इसके लिए आप रोज सोने से पहले अश्वगंधा के चूर्ण या कैप्सूल का सेवन गर्म दूध के साथ कर सकते हैं। नियमित रूप से ऐसा करने से आपको काफी लाभ होगा। हालांकि, इसका सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
जीरा
एक चम्मच जीरे को भून कर पीस लें। अब एक कप गर्म पानी में इसे मिलाएं और पांच मिनट तक ढक कर रख दें, रोजाना सोने से पहले इसको पीने से अनिद्रा में लाभ मिलता है।
सौंफ
अनिद्रा के बीमारी से राहत पाने के लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ को उबालकर दिन में दो बार पीने से फायदा मिलता है।
जायफल का पाउडर
सोने से पहले एक कप गर्म दूध में एक चम्मच जायफल का पाउडर मिलाकर पिएं। इसके अलावा गर्म दूध में एक चुटकी केसर डालकर पिएं।
कैमोमाइल चाय
कैमोमाइल चाय अनिद्रा के लिए एक बहुत ही अच्छा प्राकृतिक उपाय है। अध्ययनों के अनुसार कैमोमाइल में एपिजेनिन नामक यौगिक पाया जाता है जो अनिद्रा में बहुत लाभदायक है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ?
आयुर्वेद के इन उपायों की मदद से अनिद्रा की समस्या से राहत पाई जा सकती है। यदि अनिद्रा का जल्दी ही निदान और इलाज न कराया जाए तो यह गम्भीर समस्या बन सकती है और व्यक्ति अवसाद का शिकार हो सकता है साथ ही वह पेट से संबंधित रोगों से भी ग्रस्त रहता है। इसलिए इस समस्या के लिए जल्दी ही घरेलू उपाय अपनाने चाहिए और जीवनशैली में बदलाव लाने चाहिए। यदि इन उपायों से भी व्यक्ति को लाभ नहीं मिलता तो तुरन्त ही डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
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