नई दिल्ली । ठंड ने दस्तक दे दी है। सर्दियों का मौसम आते ही जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में यदि आप सफेद तिल को चाव से खाते हैं तो थोड़ा सतर्क हो जाइए। फायदा पहुंचाने वाला सफेद तिल नुकसान का कारण भी बन सकते हैं । इसके सेवन से यूरिक एसिड बढ़ता है। यूरिक एसिड जो शरीर में मौजूद एक विषाक्त पदार्थ है और जितना कम रहे उतना बेहतर होता है।
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इसके बढ़ने से हड्डियों में दर्द, अंगूठे और एड़ी में दर्द, यूरिन के रंग में बदलाव आ सकता है।
ठंड की वजह से हड्डियों में दर्द और अकड़न शुरू हो जाती है। यह समय यूरिक एसिड के मरीजों के लिए मुश्किल भरा होता है। ऐसे में यदि आप भी जाड़े में यूरिक एसिड के मरीज हैं और सफेद तिल से बने गजक, पट्टी या अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन कर रहे हैं तो सचेत हो जाइए। इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।
यूरिक एसिड बढ़ता है तो किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। उस पर जोर पड़ता है। इस स्थिति में अगर हाई प्रोटीन फूड आइटम्स को खाया जाता है तो शारीरिक दिक्कतें होना लाजिमी है। सफेद तिल भी हाई प्रोटीन युक्त होता है जिसे यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या से जूझ रहे लोगों को दिक्कत हो सकती हैय़
विशेषज्ञों के अनुसार खानपान में कोताही बरतने, अनियमित दिनचर्या और व्यायाम में कमी के कारण भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। दिनचर्या में बदलाव और सावधानी के साथ आप इस खतरे को कम कर सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार यूरिक एसिड के मरीजों को ठंड के दिनों में आंवला का सेवन करना चाहिए। आंवले में विटामिन सी होता है, जो हाई यूरिक एसिड को कम करने के साथ ही जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है। आंवले को आप कई तरह से खा सकते हैं। आंवले का सेवन आप मुरब्बा, चटनी, कुचला या शर्बत के रूप में भी कर सकते हैं। इसके साथ ही त्रिफला, नीम की पत्ती, अश्वगंधा भी यूरिक एसिड की समस्याओं में राहत दिलाने में सहायक हो सकता है ।
--आईएएनएस
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