घर और ऑफिस की जिन्दगी बिताती महिलाएँ अन्तिम बार कब प्रसन्न हुई होंगी यह कहना बहुत मुश्किल है। उन्हें पुरुषों के मुकाबले दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है, जिसके चलते उनमें आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। अक्सर देखा गया है कि जिन महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी होती है उन्हें सफलता आसानी से नहीं मिलती है। साथ ही वे अपने आपको परिस्थितियों के अनुसार ढालने में असफल रहती हैं। कमोबेश यह स्थिति हममें से हर एक की है। कारण स्वयं पर विश्वास का अभाव। आत्मविश्वास पैदायशी नहीं होता। इसे स्वयं में विकसित करना पड़ता है। आत्मविश्वास के साथ-साथ महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले सेंस ऑफ ह्यूमर कम होता है। महिलाएँ सामने वाला, वह चाहे पुरुष हो या महिला, जल्दी यह निर्णय नहीं ले पाती हैं कि वह क्या चाहता है। जिन पुरुषों या महिलाओं में भरपूर आत्मविश्वास होता है उन्हें सफलता जल्दी मिल जाती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आज हम अपने पाठकों विशेषकर महिलाओं को यह बताने जा रहे हैं कि किस तरह वे अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकती हैं।
स्वयं को कमतर नहीं आंके
अक्सर परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हंै कि हम खुद पर से विश्वास खोने लगते हैं। हमें स्वयं से ही शिकायत होने लगती है। हम दूसरों के अनुसार स्वयं को ढालने लगते हैं। याद रखें हम जैसे हैं, वैसे ही अच्छे हैं। जिन कार्यों से आपको डर लगता है या जिसे आप अपनी कमी मानती हैं, उन्हें सुधार कर आगे बढ़ें तथा स्वयं को दूसरों से कमतर मानने की आदत छोड़ दें।
आज को जिओ, कल की मत सोचो
आप किसी हिचकिचाहट के बिना वो करें जो आप सच में चाहती हैं, जिससे आपको सच्ची खुशी मिलती है। आने वाले कल की जिम्मेदारी, योजनाओं और आवश्यकताओं के लिए अपने आज का बलिदान न करिए। अपने वर्तमान को भरपूर ऊर्जा और खुशी के साथ जीएँ।
निराश न हों
किसी के यह कहने पर कि आप क्या हैं, क्या कर सकती हैं, आप निराश या हतोत्साहित न हों। हर बात को गंभीरता से लेना हमेशा समस्या उत्पन्न करता है। आप स्वयं के विषय में दूसरों से अधिक जानती हैं इसलिए ऐसी बातों को नजर अंदाज करें।
व्यायाम
व्यायाम को अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाएँ। यह एंटी एंग्जायटी ट्रीटमेंट है। इससे तनाव कम होता है तथा मानसिक सेहत बेहतर होती है। ऐसा कहा जाता है कि प्रतिदिन 15 मिनट के व्यायाम से डिप्रेशन का खतरा 26 प्रतिशत कम हो जाता है।
आन्तरिक डर का सामना करें
इंसान जीवन में सदा सफल नहीं होता, अनेक बार उसे असफलता का सामना करना पड़ता है। आप किसी कार्य में एक बार असफल हो गई हैं, यह सोचकर उसे छोड़ न दें। अपने डर का सामना कर सफलता प्राप्त करें। याद रखें आपके सफल होने के बाद कोई भी आपकी असफलता को याद नहीं रखेगा। सब को आपकी सफलता ही दिखेगी।
परिवर्तन को अपनाएँ
परिवर्तन प्रकृति का नियम है। यह नियम हमारी जिंदगी पर भी लागू होता है। समय, जिंदगी और हालात बदलते रहते हैं। इस बदलाव को दिल से अपनाइए न कि पुरानी लीक पर ही अड़ी रहें। बदलाव को अपनाएँ । खुशहाल जिंदगी के लिए यह आवश्यक है।
सीखने की उम्र नहीं होती
सीखने की कोई उम्र नहीं होती हमेशा याद रखें। वह कार्य जिनसे वास्तविक खुशी मिल सकती है, उन्हें सीखें। हो सकता है रोजाना के जीवन में आपको इसकी आवश्यकता न हो। लेकिन याद रखें इससे आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और आप आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगी।
सिर्फ और सिर्फ स्वयं को दें एक घंटा
आप पर जिम्मेदारियों का जितना भी बोझ हो, 24 घंटे में से सिर्फ एक घंटा आप अपने आपको दें। इसका दृढ़ निश्चय के साथ पालन करें। इसे किसी भी कीमत पर व्यर्थ न करके इस घंटे को स्वयं के लिए जीएँ। वह करें जो आपको पसंद हो। अपनी पसंद से अपना समय व्यतीत करना आपका अधिकार है।
नोट—यह लेखक के अपने विचार हैं। हो सकता है आप इनसे सहमत न हों। यदि आप इस प्रकार की किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो विशेषज्ञ से सम्पर्क करें।
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