जब हम ब्लड प्रेशर की बात करते हैं, तो यह एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतक है जो हमारे दिल और रक्त वाहिकाओं की स्थिति को दर्शाता है। सामान्यत: हम ब्लड प्रेशर को दोनों हाथों से मापते हैं, लेकिन अगर दोनों हाथों की रीडिंग में अंतर आता है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा स्थिति में, यह जानना जरूरी है कि कौन सा हाथ सही रीडिंग देता है और इसका क्या कारण हो सकता है।
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सही रीडिंग के लिए हमेशा उस हाथ का ब्लड प्रेशर माना जाता है, जो अधिक सही और स्थिर दिखे। आमतौर पर, शरीर के दाहिने हिस्से में रक्त संचार अधिक होता है, इसलिए दाहिने हाथ में ब्लड प्रेशर थोड़ा अधिक हो सकता है। हालांकि, कुछ लोगों में बाएं हाथ में भी अधिक रीडिंग आ सकती है, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
यह अंतर किस बात का संकेत हो सकता है?
अगर दोनों हाथों में ब्लड प्रेशर की रीडिंग में महत्वपूर्ण अंतर आता है, तो यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। इस स्थिति को "सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर डिफरेंस" कहा जाता है, जो आमतौर पर हार्ट, धमनियों या रक्त वाहिकाओं की स्थिति को प्रभावित कर सकता है। इस अंतर का संकेत हो सकता है:
आर्टरी का ब्लॉक होना – रक्त वाहिकाओं में कोई रुकावट या ब्लॉकेज हो सकता है, जिससे एक हाथ में अधिक दबाव होता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि उस हाथ की धमनियों में किसी प्रकार का अवरोध है।
स्ट्रोक का खतरा – अगर किसी व्यक्ति के दोनों हाथों में ब्लड प्रेशर में अंतर है, तो यह स्ट्रोक के जोखिम को भी संकेत कर सकता है, खासकर अगर अंतर अधिक हो।
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) – इस स्थिति में, बाहरी अंगों में रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे एक हाथ में दबाव कम या अधिक हो सकता है।
हार्ट की समस्याएं – कभी-कभी दिल की स्थिति भी इस अंतर का कारण बन सकती है। जैसे कि दिल की धड़कन या वाल्व की समस्याएं भी इस असमान रीडिंग का कारण हो सकती हैं।
क्या करना चाहिए?
अगर आपको भी दोनों हाथों में ब्लड प्रेशर में अंतर का अनुभव हो रहा है, तो फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपकी पूरी जांच करेंगे और सही कारण का पता लगाकर उचित उपचार की सलाह देंगे। याद रखें, कभी भी इस अंतर को हल्के में न लें क्योंकि यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
ब्लड प्रेशर नियमित रूप से जांचते रहना और दोनों हाथों से रीडिंग लेना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे आपको सही स्थिति का अनुमान लग सकता है। हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
डा पीयूष त्रिवेदी,आयुर्वेद विशेषज्ञ राजस्थान विधान सभा जयपुर ।
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