बेसन की कढ़ी में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो कि पेट के लिए अच्छे माने
जाते है। इससे आहारनाल का वातावरण सही रहता है और पोषक तत्व अवशोषित होते
हैं। इनसे पाचन क्रिया ठीक रहती है। बेसन की कढ़ी में बेसन (चने का आटा) और
छाछ इसका मेन इनग्रेडिएंट होता है। बेसन में आटे से ज्यादा गुड फैट और
प्रोटीन होते हैं। इसमें कॉम्प्लैक्स कार्बोहाइड्रेट, फोलेट होते हैं साथ
में इसका भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। ये भी पढ़ें - दही से पाएं नर्म मुलायम त्वचा
आइए डालते हैं एक नजर इस गर्मागर्म कढ़ी के बनाने के तरीके पर, जिसे आप भी बहुत आसानी से घर पर बना सकते हैं।
कढ़ी बनाने के लिए सामग्री
500
ग्राम ताजा दही, 100 ग्राम बेसन, 2 चम्मच अदरक की प्यूरी, 1 कप हरे चने, 2
कटे हुए आलू, 4-5 सुरजने की फली, 3 हरी मिर्च, 4 चम्मच घी, 100 ग्राम
भिंडी, चुटकी भर हींग, कढ़ी पत्ते, लगभग आधा चम्मच राई, 3-4 पिसी लौंग और
स्वादनुसार नमक।
विधि
सबसे पहले दही को रवई से फेंटकर उसमें
बेसन, नमक, पिसी लाल मिर्च और 4 कप पानी मिलाकर मिक्स कर लें। एक बर्तन में
घी गर्म करें। गरम घी में हींग, राई, कढ़ी पत्ता, अदरक प्यूरी, व हरी
मिर्च डालें। राई तड़तड़ाने पर दही-बेसन का घोल डालें और लगातार हिलाते हुए
पकाएं। उबाल आने पर सभी सब्जियां डालें। धीमी आंच पर कढ़ी को लगभग 20 मिनट
तक पकाएं। अब आपके लिए स्वादिष्ट कढ़ी तैयार है। इसे गरम रोटी के साथ
गर्मागर्म परोसिए। तीन दिन तक आप इस तरह से घर में बनी कढ़ी का स्वाद लें
आप पाएंगे कि आपकी सर्दी, खाँसी, जुकाम, बुखार सब गायब है। इसलिए अगली बार
जब भी आपके सामने कढ़ी आए तो इसे बेझिझक खाइएगा।
नोट—यह एक उपाय
मात्र है। जरूरी नहीं है कि आप इस बीमारी में इसका सेवन करें। इस बीमारी के
लिए एक बार अवश्य डॉक्टर का परामर्श लें और उसके द्वारा बताई गई दवाईयों
का सेवन करें।
पसीने की गाढ़ी कमाई से खरीदी जाती है ज्वैलरी, इन उपायों से रखें सुरक्षित
80% सटीकता के साथ घातक हृदय रोग का पता लगा सकता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल
जानवरों में अधिक वायरस फैलाते हैं इंसान - अध्ययन
Daily Horoscope