नई दिल्ली । आलू को लोग सब्जियों का राजा मानते हैं। अक्सर देखा जाता है कि जब घर में कोई सब्जी नहीं होती तो लोग आलू की सब्जी बना लेते हैं। आलू का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजन बनाने में किया जाता है जो ज्यादातर लोगों की पसंदीदा डिश होती है। अगर आप खाने में आलू का सेवन सही तरीके से करते हैं तो यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
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आलू के स्वाद के साथ-साथ इसके कई फायदे भी हैं। इसमें विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज और फास्फोरस जैसे कई औषधीय गुण होते हैं। आलू आयरन का अच्छा स्रोत है, जो शरीर में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में मदद करता है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है। मैंगनीज शरीर में एंजाइम को एक्टिव करने में मदद करता है।
आलू में मौजूद कैरोटीनॉयड और विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। कच्चे आलू का जूस गठिया के इलाज में मदद कर सकता है। अगर आपके शरीर की त्वचा कहीं भी जल जाए तो कच्चे आलू को पीसकर लगाने से आराम मिलता है
आलू से कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। वड़ा पाव, चाट, आलू भरवां कचौरी, चिप्स, पापड़, फ्रेंच फ्राइज़, समोसा, टिक्की और चोखा जैसे आलू के व्यंजन भारत के कई इलाकों में आम हैं। इसके अलावा लगभग हर सब्जी के साथ मिलाकर भी आलू के व्यंजन खाना लोग पसंद करते हैं।
आलू का इतिहास काफी पुराना और रोचक है। दक्षिण अमेरिका के पेरू में करीब सात हजार साल से इसकी खेती होती आ रही है। आलू की खेती सबसे पहले मध्य पेरू में शुरू हुई थी। उस समय वहां आलू का नाम 'कामाटा' और 'बटाटा' था। स्पेन 16वीं सदी में इसे यूरोप लेकर आया, जहां इसका नाम 'पोटैटो' रखा गया।
भारत में आलू यूरोपीय व्यापारियों से साथ आया था। यूरोपीय व्यापारी 15वीं शताब्दी में व्यापार के लिए आलू को भारत लाए थे। शुरुआत में इसकी तीन किस्में थीं - फुलवा, गोला और साठा। भारत में आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है और यह पूरे साल बाजार में उपलब्ध रहता है। आलू उत्पादन में चीन और रूस के बाद भारत तीसरे स्थान पर है।
--आईएएनएस
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