गर्मी में
आग बरसाते सूरज और
गर्म हवा
के थपेड़ों को झेलना काफी मुश्किल होता है।
छतरी या
चुन्नी जैसी
कई चीजों के सहारे आप कुछ
देर तो
इनका सामना कर सकती
हैं, लेकिन ये
तरीके आपको
लू से
नहीं बचा
पाएंगे। गर्मी में लू
लगने का
खतरा बढ़
जाता है।
लू अन्य
कई रोगों का भी कारण
बनती है।
आयुर्वेद में
इससे बचने
के कई
उपाय बताए
गए हैं, जिनका इस्तेमाल कर
आप लू
से बच
सकती हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गर्मी में
पाचन संबंधी परेशानियां भी
बढ़ जाती
हैं। इसके
अलावा शरीर
के अंगों में संकुचन, जोड़ों
में दर्द, नजला, जुकाम, नींद की
कमी, सूजन, निर्बलता, स्पर्श
शून्य, आंखों में
जलन, आंखों का
लाल होना
आदि परेशानियां होती हैं।
लू लगने
के दौरान वात शमन
के उपाय
करने चाहिए। वात नाशक
द्रव्य, मधुर, देवदार, कौंच सहचरा, सहजना, गिलोय, पुर्ननवा,
भृंगराज, वरुण, हल्दी, शतावर,
कुलथी आदि
पदार्थों का
सेवन करना
चाहिए।
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