हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने दूध में किसी भी तरह की मिलावट के लिए उम्र
कैद की सजा तय की है, फिर भी इस तरह की स्टडी रिजल्ट्स का आना उन सबके लिए
चिंता का विषय है जो अपनी रोजाना की लाइफ में पैकेज्ड दूध का प्रयोग करते
हैं। पैकेज्ड दूध की क्वालिटी पर हमारा कोई नियंत्रण तो नहीं होता पर कुछ
छोटी-छोटी बातों को अपनाकर हम उसके दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं। ये भी पढ़ें - इस डांस को कर जल्द घटाएं अपना मोटापा....
धर्मशिला
नारायणा सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल के जनरल फिजिशियन डॉक्टर गौरव के अनुसार,
‘‘पॉस्चराइज्ड दूध होता ही इसलिए है, ताकि आपकी सेहत को उससे कोई नुकसान न
पहुंचे। लेकिन अगर वो भी कॉन्टैमिनेटेड हो तो आप इसमें बहुत ज्यादा कुछ
नहीं कर सकते। हां, टेट्रा पैक को प्रमुखता देकर आप कुछ हद तक इससे बच सकते
हैं। चूंकि टेट्रा पैक के अंदर प्लास्टिक एक्सपोजर्स कम होते हैं तो वह
प्लास्टिक पैक से कम दूषित होता है।’’
डॉक्टर जी. एस. लांबा का भी
मानना है कि दूध को सही तरह से उबालकर आप इसके भीतर के सिंपल इंफेक्शन वाले
बैक्टीरिया को हटा सकते हैं। इसके अलावा इसे हमेशा रेफ्रीजेरेट करके रखें
और भूलकर भी खुला न छोड़ें।
--आईएएनएस
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