करीबियों से करें बात, मदद मांगें ये भी पढ़ें - खूब खाइए हरी सब्जियां घटेगा मोतियाबिंद का खतरा
अवसाद से गुजर रहे लोगों के
लिए इससे उबरने के लिए नियमित तौर पर ऐसे व्यक्ति से बात करना जिन पर वे
भरोसा करते हों या अपने प्रियजनों के संपर्क में रहना रामबाण साबित हो सकता
है। आप खुलकर अपनी समस्याएं उनसे शेयर करें और परिस्थितियों से लडऩे के
लिए उनकी मदद मांगें। इसमें शर्म जैसी कोई बात नहीं है। हमारे सबसे करीबी
लोग यदि हमें बुरे समय से बाहर नहीं निकालेंगे तो कौन मदद करेगा?
सेहतमंद खाएं और रोजाना व्यायाम करें
सेहतमंद
और संतुलित खानपान से मन ख़ुश रहता है। वहीं कई वैज्ञानिक शोध प्रमाणित
करते हैं कि व्यायाम अवसाद को दूर करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है। जब हम
व्यायाम करते हैं तब सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन्स रिलीज़
होते हैं, जो दिमाग़ को स्थिर करते हैं। डिप्रेशन को बढ़ाने वाले विचार आने
कम होते हैं। व्यायाम से हम न केवल सेहतमंद बनते हैं, बल्कि शरीर में
सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
अपने अंदर के लेखक को दोबारा जगाएं
कहते
हैं मनोभावों को यदि आप किसी से व्यक्त नहीं कर सकते तो पेन और पेपर लेकर
उन्हें लिख डालें। लिखने से अच्छा स्ट्रेस बस्टर शायद ही कुछ और हो। इसके
अलावा लिखने से आत्मनिरीक्षण और विश्लेषण करने में मदद मिलती है। डायरी
लिखने से लोग चमत्कारी ढंग से डिप्रेशन से बाहर आते हैं। इन दिनों ब्लॉग्स
का भी ऑप्शन है। आप सोशल मीडिया पर भी अपने विचार साझा कर सकते हैं।
दोस्तों से जुड़ें और नकारात्मक लोगों से दूरी बनाएं
अच्छे
दोस्त आपके मूड को अच्छा बनाए रखते हैं। उनसे आपको आवश्यक सहानुभूति भी
मिलती है। वे आपकी बातों को ध्यान से सुनते हैं। डिप्रेशन के दौर में यदि
कोई हमारे मनोभावों को समझे या धैर्य से सुन भी ले तो हमें अच्छा लगता है।
दोस्तों से जुडऩे के साथ-साथ आप उन लोगों से ख़ुद को दूर कर लें, जो
नकारात्मकता से भरे होते हैं। ऐसे लोग हमेशा दूसरों का मनोबल गिराने का काम
करते हैं।
पसीने की गाढ़ी कमाई से खरीदी जाती है ज्वैलरी, इन उपायों से रखें सुरक्षित
80% सटीकता के साथ घातक हृदय रोग का पता लगा सकता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल
जानवरों में अधिक वायरस फैलाते हैं इंसान - अध्ययन
Daily Horoscope