नई दिल्ली। कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) कैंसर को मात देने वाले लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में प्रभावी साबित हो सकती है। अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि सीबीटी व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाती है और मानसिक स्वास्थ्य में मामूली, लेकिन महत्वपूर्ण सुधार करती है।
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'कैंसर मेडिसिन' नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चलता है कि कैंसर के युवा मरीजों को सीबीटी से अधिक लाभ होता है, जो यह दर्शाता है कि उम्र सीबीटी की प्रभावकारिता को प्रभावित कर सकती है।
मिशिगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता अनाओ झांग के अनुसार, "इस अध्ययन ने सीबीटी के सामान्य लाभों की पुष्टि की है, और यह भी बताया है कि यह कैसे और किन परिस्थितियों में सबसे प्रभावी हो सकती है।"
अध्ययन में ऐसे लोगों पर सीबीटी के प्रभाव का आकलन किया गया जो कैंसर के मरीज हैं या रह चुके हैं। कुल 132 क्लिनिकल ट्रायल का विश्लेषण किया गया और सीबीटी पाने वाले मरीजों की तुलना विभिन्न कंट्रोल समूहों से की गई जिनमें मानक थेरेपी पाने वाले, वेटलिस्ट वाले और सक्रिय या वैकल्पिक थेरेपी पाने वाले समूह शामिल थे।
परिणामों में यह भी पाया गया कि व्यक्तिगत सीबीटी सत्र वेब-आधारित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सत्रों की तुलना में अधिक बेहतर प्रभावी साबित हुआ।
यह अध्ययन कैंसर के उपचार में व्यक्तिगत इलाज की योजनाओं के महत्व को भी चिह्नित करता है। अध्ययन में यह सुझाव दिया गया है कि सीबीटी को मरीज की विशेष आवश्यकताओं के अनुसार किया जाना चाहिए। इससे कैंसर रोगियों के मनोवैज्ञानिक सुधार के लिए चिकित्सकों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश मिलते हैं।
सभी प्रमुख मापदंडों जैसे रोगी की उम्र और सीबीटी देने के तरीके को ध्यान में रखते हुए एक प्रभावी उपचार कार्यक्रम तैयार किया जा सकता है, जिससे मरीजों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके।
--आईएएनएस
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