हमारे देश में आरती या भजन गाते समय ताली बजाने की जो प्रथा है वह वैज्ञानिक है और बॉडी और हेल्थ के लिए बहुत ही लाभदायक है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ताली बजाने से ना सिर्फ रोगों के आक्रमण से रक्षा होती है बल्कि कई रोगों
का इलाज भी हो जाता है। हाथों से नियमित रूप से ताली बजाकर कई रोग दूर किये
जा सकते हैं।
प्रति दिन यदि नियमित रूप से कम से कम 1 या 2 मिनट ताली बजाई जाए तो फिर
किसी प्रकार के व्यायाम या आसनों की जरूरत नहीं रहती। लगातार ताली बजाने से
मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति की वृद्धि होती है जिससे शरीर रोगों के
आक्रमण से बचने की क्षमता प्राप्त कर लेता है।
एक्यूप्रेशर चिकित्स- विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो
हाथ की हथेलियों में शरीर के सभी आन्तरिक उत्सर्जन संस्थानों के बिन्दू
होते हैं व ताली बजाने से जब इन बिन्दुओं पर बार-बार दबाव पडता है तो सभी
आन्तरिक संस्थान ऊर्जा पाकर अपना काम सुचारू रूप से करते हैं- जिससे शरीर
स्वस्थ औरनिरोग बनता है।
ताली बजाने से शरीर की अतिरिक्त वसा कम होती है। जिससे मोटापा कम होता है,
शरीर के विकार नष्ट होते हैं, वात, पित्त, कप का संतुलन ठीक रहता है। ताली
बजाने के इस प्राकूतिक साधन का उपयोग करने का लाभ तभी मिल सकता है जब हमारी
दिनचर्या में अप्राकृतिक साधनों का उपयोग कतई नहीं हो।
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