नई दिल्ली। क्या आप दोनों बाजुओं की बीपी जांच करवाते हैं? अगर नहीं तो ऐसा करना अब शुरू कर दिजिये क्योंकि, दोनों बाजुओं के ब्लड प्रेशर का अंतर 10 या इससे ज्यादा हो तो हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। यह खुलासा अमेरिका में की गई एक स्टडी में हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक हाइपरटेंशन के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को दोनों बाजुओं के ब्लड प्रेशर की जांच करनी चाहिए। इससे अंतर का पता चल जाता है। लेकिन, भारत में अक्सर डॉक्टर एक ही बाजू के ब्लड प्रेसर की जांच करते है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के मैसचूसिट्स हॉस्पिटल में 40 साल से ज्यादा उम्र के 3400 मरीजों की जांच की गई। ये ऐसे मरीज थे, जिनमें पहले से हार्ट की बीमारी का कोई लक्षण नहीं था। जांच में एक बाजू और दूसरी बाजू में सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर में 5 का अंतर पाया गया। लेकिन इनमें से 10 प्रतिशत लोगों में यह अंतर 10 से ज्यादा पाया गया। इसके बाद 13 साल तक इन लोगों की निगरानी की गई। 10 से ज्यादा अंतर वाले 38 प्रशिशत लोगों में हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और दिल की बीमारी के लक्षण पाए गए।
कार्डियॉलजिस्ट डॉक्टर के. के. अग्रवाल कहते हैं, दोनों बाजुओं के बीपी में मामूली अंतर तो साधारण बात है, लेकिन अगर अंतर ज्यादा हो तो यह बाजुओं की आर्टरी में ब्लॉकेज का संकेत देता है। पेरिफेरल आर्टरी में दिक्कत होने से हार्ट और ब्रेन में ब्लॉकेज की संभावना बढ़ जाती है। इस वजह से हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। यह परेशानी देश में करीब10 करोड़ लोगों को प्रभावित करती है। ज्यादातर कार्डियॉलजिस्ट्स दोनों बाजुओं के बीपी की जांच करते हैं, लेकिन सामान्य डॉक्टर ऐसा नहीं करते। कई बार इस ओर ध्यान नहीं जाता है, लेकिन एक्सपर्ट के तौर पर इस पर नजर रखना जरूरी है। कार्डियॉलजिस्ट्स इसे मिस नहीं करते हैं।
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