स्तन कैंसर से बचाव : स्तन कैंसर के कारण और रिस्क फैक्टर के बारे
में इतनी जानकारी और जागरूकता के बाद निश्चित तौर पर बहुत से ऐसे रास्ते भी
हैं जिनकी मदद से इससे बचना या इस बीमारी को टालना संभव हो सकता है।
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शराब के कम सेवन के साथ व्यायाम और स्वस्थ आहार से निश्चित रूप से कैंसर फैलने की आशंका को कम किया जा सकता है।
स्तन कैंसर के हाई रिस्क फैक्टर वाली महिलाओं टेमोक्सिफिन का इस्तेमाल किया जाता है।
मीनोपॉज
के बाद ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज में प्रयोग होने वाली दवा एविस्टा
(रेलोक्सिफिन) का इस्तेमाल भी स्तन कैंसर से बचाव के लिए किया जाता है।
हाई
रिस्क वाली महिलाओं में कैंसर के प्रसार को रोकने के लिए ऑपरेशन के जरिये
स्तन हटा दिया जाता है (इसे प्रीवेंटिव मास्टेक्टोमी) कहा जाता है।
इलाज :
डॉ.
सज्जन राजपुरोहित ने कहा कि जैसा हर कैंसर में होता है, स्तन कैंसर में भी
इलाज इसी आधार पर तय होता है कि बीमारी का पता किस स्टेज पर चला है। इलाज
में कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी होती है। जैसा कि शुरू में कहा गया है
कि अगर आप हाई रिस्क फैक्टर में हैं, तो लक्षणों की जांच करते रहें। बीमारी
का जल्दी पता चलने से सर्वाधिक रिकवरी की उम्मीद रहती है।
(आईएएनएस)
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