नई दिल्ली । प्रकृति के पूर्ण वैभव को देखने के लिए वर्ष का सबसे अच्छा समय मानसून के दौरान होता है। हालांकि, मानसून अपनी कभी न खत्म होने वाली बीमारी और ठंड के लिए कुख्यात है। पूरे मौसम में किसी की प्रतिरक्षा प्रणाली का परीक्षण किया जाता है। और यह वहां नहीं रुकता। हैजा, डेंगू बुखार, या अन्य कष्टदायक बीमारियों के अनुबंध की संभावना हमेशा बनी रहती है। तो, एक सुरक्षित और स्वस्थ रहते हुए मानसून का आनंद कैसे ले सकते हैं? खाने की अच्छी आदतें, व्यायाम और पर्याप्त आराम कुछ ऐसे कारक हैं जो बारिश के मौसम में आपको सुरक्षित रख सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पादंगुष्ठासन (पैर का अंगूठा): पादंगुष्ठासन अष्टांग योग में एक मूलभूत आसन है। पदंगुष्ठासन शरीर की हर मांसपेशियों को सिर से पैर तक फैलाता है। यह शरीर को आराम देता है और बेचैनी को शांत करता है। यह अन्य बातों के अलावा फ्लैट पैरों के लिए फायदेमंद है।
त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा): त्रिकोणासन संस्कृत शब्द 'त्रिकोना' (तीन कोनों) और 'आसन' (मुद्रा) से लिया गया है। त्रिकोणासन योग, जिसे त्रिभुज स्थिति व्यायाम के रूप में भी जाना जाता है, एक स्थायी मुद्रा है जो शक्ति, संतुलन और लचीलेपन में सुधार करती है।
उत्कटासन (कुर्सी मुद्रा): कुर्सी मुद्रा, जिसे संस्कृत में "अजीब कुर्सी मुद्रा" और "भयंकर रुख" के रूप में भी जाना जाता है, आसन या योग अभ्यास का एक रूप है। कुर्सी की मुद्रा संतुलन और लचीलेपन में सुधार करते हुए आपके पैरों, ऊपरी पीठ और कंधों को मजबूत करती है।
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