नई दिल्ली । मोटापे से जूझ रहे लोगों के लिए इंजेक्शन के जरिए वजन घटाने वाली दवाएं एक लोकप्रिय विकल्प बन गई हैं। एक नए अध्ययन में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। अध्ययन के अनुसार, चार में से एक या 25 प्रतिशत लोग डॉक्टर से परामर्श किए बिना इन दवाओं इस्तेमाल करते हैं, जिससे वे कई स्वास्थ्य जोखिमों के शिकार हो जाते हैं।
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अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की टीम ने 1,006 अमेरिकी वयस्कों पर सर्वे किया। जिसमें पता चला कि लोग प्रिस्क्रिप्शन के विकल्पों की तलाश में हैं क्योंकि उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है और बीमा कवरेज का आभाव है।
टीम ने कहा, "कुछ लोग डॉक्टर के पास जाने से बच रहे हैं और गैर-लाइसेंस प्राप्त ऑनलाइन फार्मेसियों या टेलीहेल्थ साइटों जैसे अविश्वसनीय स्रोतों का सहारा ले रहे हैं, जिससे मरीजों की जान खो खतरा हो सकता है।"
सर्वे से पता चला है कि लोगों को दवाएं खरीदने में सबसे बड़ी समस्या पैसे की आती है (18 प्रतिशत), इसके बाद बीमा नहीं होना (15 प्रतिशत), डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन नहीं मिलना (9 प्रतिशत) और फार्मेसी में दवा नहीं मिलना (6 प्रतिशत) है।
ओहियो स्टेट के इंटरनल मेडिसिन फिजिशियन शेंगयी माओ ने कहा, "जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए सबसे पहले अपने डॉक्टर से विकल्पों पर चर्चा करना बहुत ज़रूरी है। हर दवा हर किसी के लिए एक जैसी नहीं होती और हर दवा के अपने जोखिम और साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि डॉक्टर 'मरीज की मेडिकल हिस्ट्री की जांच करेंगे' और 'उनके विशेष जोखिम और लाभ' का आकलन करके दवाएं लिखेंगे।
हाल ही में विकसित वजन घटाने वाली दवाएं जीएलपी1-आरए (ओजम्पिक और वेगोवी ब्रांड नाम) वजन घटाने में मदद करती हैं। यह भूख को कम करती हैं और पेट के खाली होने की गति को धीमा करती हैं।
अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (यूएस डीएफ) ने सेमाग्लूटाइड नामक दवा को मान्यता दी है। यह दवा मोटापे से ग्रसित या अधिक वजन वाले वयस्कों में हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करती है। विशेष रूप से, यह दवा उन वयस्कों के लिए फायदेमंद है जिन्हें पहले से ही हृदय रोग है।
हालांकि, डीएफ ने सेमाग्लूटाइड दवा के संबंध में दो चेतावनियां जारी की हैं, जिनमें गलत खुराक लेने पर अस्पताल में भर्ती होने और अप्रभावी सामग्री की रिपोर्ट शामिल है।
मिश्रित दवाएं विशेष रूप से बनाई जाती हैं, जब कोई दवा कम उपलब्ध होती है या किसी विशेष मरीज की जरूरतों को पूरा करने के लिए। ये दवाएं ब्रांड नाम की दवाओं के विकल्प होती हैं और दवा निर्माताओं द्वारा नहीं बल्कि राज्य लाइसेंस प्राप्त फार्मेसियों में बनाई जाती हैं।
शेंगयी माओ ने कहा कि मोटापा एक गंभीर और जटिल दीर्घकालिक बीमारी है। इसका समाधान व्यापक वजन प्रबंधन कार्यक्रम द्वारा किया जाना चाहिए। वजन घटाने वाली ये दवाएं कुछ लोगों के लिए प्रभावी हो सकती हैं, लेकिन इनके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं और इन्हें लेना बंद करने के बाद भी वजन फिर से बढ़ सकता है।
--आईएएनएस
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