कहा जाता है कि फल वाले वृक्ष घर के समीन होने से संतति का नाश होता है।
इनकी लकडी को भी घर में लगाना अशुभ माना गया है। कांटेदार वृक्ष घर के समीप
नहीं होने चाहिए, इनसे शुत्र भय होता है। इन वृक्षों की जगह पर पुन्नाग,
अशोक व शमी के पौधे रौपें जाए तो उपर्युक्त दोष नहीं लगता है। नीम, बहेडा,
कांटेदार वृक्ष, पीपल, अगस्त, इमली, आम, इन सभी को घर समीप निंदित माना गया
है। जिस जमीन पर पलाश, अमरूद, आंवला, अनार, पपीता आदि के वृक्ष हों वह
भूमि वास्तुशास्त्र में बहुत श्रेष्ठ बताई गई है। भवन निर्माण के पहले यह
भी देख लेना चाहिए कि भूमि पर वृक्ष, लता, पौधे, झाडी, घास, कांटेदार वृक्ष
आदि नहीं हों। जिन वृक्षों पर फूल, लता एवं वनस्पतियां सरलता से वृद्धि
करती हैं वास्तुशास्त्र में उस भूमि को भी उत्तम बताया गया है।
वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि जिस भूमि पर त़लसी का पौधा लगा हों वहां
भवन निर्माण करना उत्तम रहता है। तुलसी का पौधा अपने चारों ओर का 50 मीटर
तक का वातावरण शुद्ध रखता है। शास्त्रों में तुलसी के पौधे को बहुत ही
पवित्र एवं पूजनीय माना गया है। ये भी पढ़ें - न करें दूसरों की इन चीजों का इस्तेमाल, मिलता है दुर्भाग्य और आर्थिक परेशानी
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