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करवा चौथ पर वास्तु शास्त्र के नियम लाएंगे वैवाहिक जीवन में खुशहाली, दिशा-निर्देश से आएगी घर में सकारात्मक ऊर्जा

Vastu Shastra rules on Karva Chauth will bring happiness to married life - Vastu Tips in Hindi

नई दिल्ली। करवा चौथ हिंदू धर्म में बेहद खास और श्रद्धापूर्वक मनाया जाने वाला त्योहार है, जो विवाहित महिलाओं के लिए पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना का प्रतीक माना जाता है। इस व्रत का पालन हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। करवा चौथ का महत्त्व केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई वास्तुशास्त्र से जुड़ी मान्यताएं भी हैं, जो वैवाहिक जीवन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने का सुझाव देती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, करवा चौथ के व्रत में कुछ खास दिशा-निर्देशों का पालन करना शुभ माना गया है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
सबसे पहले सरगी ग्रहण करने की दिशा पर ध्यान दिया जाना चाहिए। दक्षिण-पूर्व दिशा को सरगी लेने के लिए सबसे उत्तम माना गया है, क्योंकि यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होती है। इसके बाद पूजा के समय भी सही दिशा का चुनाव बहुत जरूरी होता है। करवा चौथ की पूजा करते वक्त कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुख करके प्रार्थना नहीं करनी चाहिए। पूजा करते वक्त चेहरा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, ताकि आपकी मन्नत पूरी हो और घर में सुख-शांति बनी रहे।
करवा चौथ की व्रत कथा सुनना या पढ़ना भी पूजा का अहम हिस्सा है, और इसे करते वक्त उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके कथा सुनना शुभ माना जाता है। यह दिशा ज्ञान और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है, जो व्रत की सफलता और वैवाहिक जीवन में स्थिरता लाने में मदद करती है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए भी वास्तु के अनुसार उत्तर-पश्चिम दिशा सर्वोत्तम होती है। चंद्रमा को दूध में जल मिलाकर अर्घ्य देना शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
पारंपरिक पूजा थाली में जल, लाल सिंदूर, फूल, मिठाई और दीपक रखना भी आवश्यक होता है। इन वस्तुओं का सही ढंग से संयोजन व्रत की ऊर्जा को बढ़ाता है और घर में सौभाग्य लाता है। इस खास दिन महिलाओं को लाल या पीली चूड़ियां पहननी चाहिए, क्योंकि ये रंग शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक हैं। इन रंगों के पहनावे से न केवल वातावरण में सकारात्मकता आती है, बल्कि पति-पत्नी के संबंधों में भी मिठास बढ़ती है।
वास्तु शास्त्र की मानें तो इन नियमों का पालन करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और स्थिरता बनी रहती है।
इस साल करवा चौथ की तिथि 9 अक्टूबर को रात 10:54 बजे से शुरू होकर 10 अक्टूबर शाम 7:38 बजे तक रहेगी। हालांकि, चंद्रमा के उदय का समय और तिथि का मेल करवा चौथ व्रत के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस बार चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की देर रात से शुरू हो रही है, लेकिन उस दिन चंद्रमा का उदय तृतीया तिथि में होगा, जबकि 10 अक्टूबर को चंद्रमा का उदय चतुर्थी तिथि के बाद ही होगा। इसलिए, पारंपरिक गणना के अनुसार इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, यानी शुक्रवार को रखा जाएगा।
--आईएएनएस

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Web Title-Vastu Shastra rules on Karva Chauth will bring happiness to married life
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Tags: vastu shastra, karva chauth, astrology in hindi
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